गुरुर (बालोद) गुरुर में आयोजित श्री कथा ज्ञान यज्ञ के द्वितीय दिवस का शुभारंभ प्रातः 10 बजे हुआ, जहां जगद्गुरु रामानंदाचार्य नरेंद्राचार्य महाराज श्री की सिद्ध चरण पादुकाओं का विधिवत पूजन किया गया। इसके पश्चात यजमान, पुरोहितों तथा भक्तों द्वारा श्री लीलामृत ग्रंथ का शास्त्रीय पद्धति से पूजन एवं माल्यार्पण कर यज्ञ आरंभ किया गया।
उन्होंने यह भी समझाया कि यदि कोई नाम का प्रयोग चमत्कार या इच्छापूर्ति की आशा से करता है तो वह चंदन के वृक्ष को जलाने जैसे मूल्यहीन कार्य करता है। उन्होंने सरदार बहादुर महाराज जी के शब्दों को उद्धृत करते हुए कहा कि “नाम संचित कर्मों का नाश करता है और आत्मा को परमात्मा से जोड़ता है। सद्गुरु से प्राप्त यह नामदान ही भवसागर से पार करने का माध्यम है।”
श्री कथा में जगद्गुरु नरेंद्राचार्य महाराज द्वारा रचित ‘श्री लीलामृत’ ग्रंथ का सारगर्भित प्रवचन किया गया, जिसे 18 पुराण और 6 शास्त्रों का सार माना जाता है। प्रवचन में बताया गया कि कलियुग में श्री कथा सुनने मात्र से ही व्यक्ति को मुक्ति की प्राप्ति हो सकती है। श्री कथा को कल्पवृक्ष की संज्ञा दी गई जो भक्तों की इच्छाओं की पूर्ति करती है।
कार्यक्रम में अनेक गणमान्य अतिथिगण उपस्थित रहे जिनमें प्रमुख रूप से: श्रीमती सुनीता संजय साहू (जनपद अध्यक्ष), श्री दुर्गा आनंद साहू (जनपद उपाध्यक्ष), राजेंद्र साहू (सरपंच, बोहरडीह), भोजाराम देवांगन (पूर्व जनपद सदस्य), श्रीमती संध्या अजेनेंद्र (जनपद सदस्य), श्री घनश्याम माहेश्वरी (पीठ प्रमुख), श्री मुन्ना लाल मोटघरे (उप पीठ प्रमुख), श्री सुधीर पवार (पीठ व्यवस्थापक), श्रीमती सुषमा साहू (छ.ग. उपपीठ प्रमुख), जिला कर्नल कमलेश साहू, निरीक्षक मेघराज निबद्धे (बालोद), जिलाध्यक्ष ज्ञानेश्वर साहू (स्व-स्वरूप संप्रदाय) सहित बालोद, धमतरी, दुर्ग, राजनांदगांव जिलों के अनेक भक्तगण एवं पदाधिकारी शामिल हुए।
कार्यक्रम की भव्यता और आध्यात्मिक वातावरण ने समस्त उपस्थित श्रद्धालुओं के हृदय को श्रीराममय कर दिया।
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अमीत मंडावी संवाददाता |
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