सरकार ने नई भट्टी खोलने जगह तो चयन कर लिया, लेकिन ग्रामीण एकजुट होकर इसका पुरजोर विरोध करते दिखाई दिये।
गुरुर (बालोद) :- छत्तीसगढ़ में शराब भट्टी को अब ग्रामीण क्षेत्रों में खोलने की कवायद हुई शुरू एक तरफ भाजपा की सरकार महिलाओं को हर महीना 1000 रुपया महतारी वंदन योजना के तहत दिया जा रहा है। वहीं दूसरी तरफ सरकार शराबखोरी को जन जन तक पहुंचाने अब गावों में नई शराब दुकान खोलने की रणनीति बना कर इसे बढ़ावा देने में नजर आ रहे है।
बालोद जिला गुरुर विकासखंड क्षेत्र के अंतर्गत कंवर चौकी से लगे ग्राम पेंडरवानी में नई शराब दुकान खोलने के पहले ही गांव वाले इसका विरोध कर रहे है। सबसे ज्यादा महिलाओं में आक्रोश देखने को मिला क्योंकि गांव में आसानी से शराब मिलने से गांव के पड़े लिखे युवाओं का भविष्य गर्त में भी जा सकता क्योंकि शराब की लत से सबसे ज्यादा परेशान परिवार में महिला और बच्चों को होती है।
छत्तीसगढ़ में सबसे ज्यादा अपराध नशे के चलते हो रही है। विवाद, मारपीट, घरेलू हिंसा, रोड एक्सीडेंट नशे के चलते आज कल यह सब रोज देखने और सुनने को मिलता है। सरकार की राजस्व भंडार में सबसे ज्यादा आमदनी शराब भट्टी से प्राप्त हो रही है। सरकार अपनी फायदा के चलते कही भी और कभी भी शराब भट्टी खोल सकती है, लेकिन क्या ग्राम पंचायत पेंडरवानी की ग्रामीणों के फैसलों के आगे शासन प्रशासन अपनी सरकार को जवाबदेही से पीछे हटेंगे या गांव वालों को मनाने बुझाने में लगे रहेंगे।
बस यही कारण है कि अगर गांव में शराब आसानी से मिलना शुरू हो गया तो गांव का पूरा माहौल खराब होने और बच्चों का भविष्य के साथ खिलवाड़ होने में कोई देर नहीं लगेगी। इसीलिए सबसे ज्यादा इसकी चिंता महिलाओ को सता रही है। बालोद आबकारी विभाग की टीम भी ग्रामीणों के बीच पहुंची हुई थी, उन्होंने भी यही कहा कि जब तक गांव वाले सहमति प्रदान नहीं करेंगे तब तक भट्टी खुलेगा भी नहीं।
पंचायत और गांव वालों ने इसका विरोध तो किया ही साथ में शराब भट्टी नहीं खोलने के लिए तत्काल फैसला लेते हुए प्रस्ताव पारित कर अधिकारियों को आवेदन भी सौंप दिया।अब शासन प्रशासन की जिम्मेदारी है कि इस बात को सरकार तक भली भांति अवगत करा कर हमारी बातों को गहराई से सोचे और अन्यत्र जगह अपनी नई शराब दुकान के लिए जगह सुनिश्चिता करें।
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अमित मंडावी संवाददाता |
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