गंज के शासकीय अहाता में अवैध शराब बेचते अहाता संचालक कैमरा में कैद।

सौजन्य : क्राइम टाइम

रायपुर  : अभी बीते दिवस ही हमने एक खबर; "अधिकारीयों की मिलीभगत में अवैध अहातों का हो रहा संचालन।" को सोशल मीडिया के तमाम प्लेटफार्म में वायरल किया था जिसे आबकारी विभाग के तमाम आला अधिकारीयों तक हमने पहुँचाने का प्रयास किया मगर ये अधिकारी इतने *हरामखोर हो चुके हैं कि, इस खबर को प्रसारित किए 24 घंटा भी नहीं गुजरा था, हमें आज दिनांक 01 / 07 / 2024 को एक अज्ञात नागरिक ने एक ऐसा वीडियो और श्रीमान आबकारी आयुक्त महोदय को प्रेषित "शिकायत पत्र" की प्रतिलिपि (पावती) प्रेषित किया है।

जितने *हरामखोर थे क़ुर्ब-ओ-जवार में,

परधान बनके आ गए अगली क़तार में ...

अदम गोंडवी साहब की लिखी उक्त पंक्ति इन्हीं हरामखोरों पर सटीक बैठती है। चूँकि मैंने पहले पैराग्राफ में इन परधानों को हरामखोर लिखा है तो बता दें कि खबर तो चलो मान लिया जाए कि उसे इन हरामखोरों के द्वारा गलत और फर्जी भी ठहराया जा सकता है मगर एक आम नागरिक जो प्रमाण स्वरुप वीडियो भी प्रस्तुत कर रहा हो उस पर भी किसी तरह कार्यवाहीं नहीं किया जाना हरामखोरी की श्रेणी में ही आता है।

आबकारी आयुक्त को हुई शिकायत


शिकायत पत्र में यह उल्लेख है कि, रायपुर गंज स्थित देशी मदिरा दुकान के संचालक एवं उसके गुर्गों द्वारा अहाते में शासकीय दर से अधिक राशि लेकर, रात्रि 10 बजे दुकान बंद होने के बाद से लेकर सुबह दुकान खुलने तक पूरी रात अहाते में शराब रखकर प्रति पाव 130/- रूपये की दर से लेकर 200/- तक अधिक राशि लेकर अवैध रूप से शराब विक्रय किया जाता है।


शिकायत के बावजूद नहीं मिला "निजात" ?

बता दें कि उन तमाम जिलों में नशा मुक्त प्रदेश की दिशा में निजात अभियान चलाने वाले कप्तान साहब की गंज थाने को भी इस बात की सूचना दी गई थी मगर गंज थाना के कर्तव्यनिष्ठ पुलिस कर्मचारियों ने इस सूचना / शिकायत पर किसी प्रकार की कार्रवाई तो दूर देखना भी मुनासिब नहीं समझा ! तिस पर तुर्रा यह कि अहाता संचालकों का कहना है कि हमने सभी अधिकारियों को सेट कर लिया है हमारा कोई बिगाड नहीं पायेगा। कारण स्पष्ट है। ये पब्लिक है, सब जानती है साहब, जब माले मुफ्त मिले तब दिल तो बेरहम होबे करेगा ना...