RAIPUR : युक्तियुक्तीकरण की मार से त्रस्त शिक्षक - PRACHAND CHHATTISGARH

Friday, November 14, 2025

RAIPUR : युक्तियुक्तीकरण की मार से त्रस्त शिक्षक

एक दिवसीय धरना, 24 नवंबर से हड़ताल की चेतावनी

*फिलिप चाको 

रायपुर । राज्य की शिक्षा व्यवस्था के भीतर महीनों से पनप रही खामोश हलचल आखिरकार सड़क पर उतर आई। युक्तियुक्तीकरण प्रक्रिया से उपजी अव्यवस्थाओं के खिलाफ युक्तियुक्तीकरण पीड़ित शिक्षक संघ, छत्तीसगढ़ ने आज रायपुर के निर्धारित धरना स्थल पर एक दिवसीय शांतिपूर्ण धरना देकर प्रशासन को साफ संकेत दे दिया कि शिक्षक समुदाय अब और चुप रहने के मूड में नहीं है।


धरना स्थल पर उमड़ी भीड़ सिर्फ नाराजगी का इज़हार नहीं कर रही थी, बल्कि उन समस्याओं की ओर इशारा कर रही थी, जिनके कारण हजारों शिक्षक परिवार पिछले कई महीनों से प्रशासनिक उलझनों, वेतन रोके जाने और मनमानी पदस्थापनाओं के चलते कठिन परिस्थितियों का सामना कर रहे हैं।

प्रतिनिधिमंडल ने सौंपी शिकायत

धरना प्रदर्शन के बाद संघ का प्रतिनिधिमंडल कलेक्टर रायपुर और जिला पुलिस अधीक्षक से मिला। दोनों अधिकारियों को मुख्यमंत्री व स्कूल शिक्षा मंत्री के नाम विस्तृत ज्ञापन सौंपा गया। ज्ञापन में वह पूरी तस्वीर दर्ज है जिसे शिक्षक महीनों से झेल रहे हैं - वरिष्ठता निर्धारण में त्रुटियाँ, वास्तविक रिक्तियों को छिपाए जाने का आरोप, पति-पत्नी व गंभीर बीमारी वाले मामलों की अनदेखी, और न्यायालयीन प्रकरण लंबित होने के बावजूद वेतन रोक देना।

शिक्षकों का आरोप है कि समितियों में अभ्यावेदन न लेकर एकतरफा निर्णय थोपे जा रहे हैं, वहीं विभागीय समन्वय अनुमोदन जैसे प्रावधानों का भी गलत उपयोग हो रहा है। अंग्रेजी माध्यम तथा विषयवार पदों में व्याप्त विसंगतियों की ओर भी संघ ने स्पष्ट ध्यान खींचा।

धरना स्थल पर मौजूद कई शिक्षकों ने माना कि यह स्थिति अब केवल विभागीय लापरवाही का मुद्दा नहीं, बल्कि शासन के लिए भी चेतावनी है- क्योंकि मनमानी प्रक्रियाओं ने शिक्षक समुदाय का मनोबल तोड़ने का काम किया है।

“लड़ाई नियमों की बहाली की है”

धरना स्थल पर संबोधित करते हुए वक्ताओं ने साफ कहा कि युक्तियुक्तीकरण से उन्हें कोई समस्या नहीं, समस्या उससे जुड़ी गलतियों, अपारदर्शिता और अफसरशाही की मनमानी से है।
कई वक्ताओं ने इस बात पर जोर दिया कि मनमाने निर्णयों ने न सिर्फ शिक्षा व्यवस्था को कमजोर किया है, बल्कि भ्रष्टाचार और पदप्रभाव ने पूरी प्रक्रिया को अविश्वसनीय बना दिया है।


सभा में यह भी कहा गया कि यदि प्रशासन ने समय रहते सुधारात्मक कदम नहीं उठाए, तो शिक्षक समुदाय को बड़े आंदोलन की ओर बढ़ने के लिए मजबूर होना पड़ेगा।

संघ की मांगें

समाज के भविष्य को गढ़ने वाले शिक्षक अब शासन से सिर्फ एक बात मांग रहे हैं -न्यायसंगत और पारदर्शी प्रक्रिया।
संघ ने जिन प्रमुख मुद्दों पर तत्काल कार्रवाई की मांग की, वे इस प्रकार हैं -

  • वरिष्ठता निर्धारण की त्रुटियों का पुनरीक्षण
  • वास्तविक रिक्त पदों का प्रकाशन
  • अतिशेष घोषित शिक्षकों की सूची का संशोधन
  • पति-पत्नी व बीमारी आधारित मामलों में नियमानुसार राहत
  • रोका गया वेतन तत्काल जारी करना
  • समूची युक्तियुक्तीकरण प्रक्रिया की उच्चस्तरीय जांच

संघ ने प्रशासन को याद दिलाया कि ये मांगे राजनीतिक उद्देश्य से प्रेरित नहीं, बल्कि सम्मानजनक और नियमबद्ध सेवा-परिस्थितियों की बुनियादी जरूरतें हैं।

24 नवंबर से अनिश्चितकालीन हड़ताल का ऐलान

समिति ने चेतावनी दी है कि यदि आज सौंपे गए ज्ञापन पर समयबद्ध कार्रवाई नहीं हुई, तो 24 नवंबर 2025 से शिक्षक वर्ग अनिश्चितकालीन हड़ताल पर उतर जाएगा।
यह घोषणा उन तनावपूर्ण परिस्थितियों का संकेत देती है जो आने वाले समय में प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था को प्रत्यक्ष रूप से प्रभावित कर सकती हैं।


एक दिवसीय धरना शांतिपूर्ण रहा, लेकिन शिक्षकों की पीड़ा और असंतोष जमीन पर साफ दिखाई दिया।
अब नज़र शासन की ओर है—या तो वह समस्याओं के समाधान की दिशा में आगे बढ़े, या फिर 24 नवंबर से प्रदेशभर में शिक्षक समुदाय की व्यापक हड़ताल का सामना करे।



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