कुल चार लोग थे सवार, एक ठेका श्रमिक की मौके पर मौत, एक गंभीर रूप से घायल।
दल्ली राजहरा। आज सुबह 7 से 8 बजे के बीच राजहरा माइंस के सेन्ट्रल गैरेज का वाहन टेस्टिंग के दौरान डौण्डी मार्ग पर स्थित विमान-पत्तन के पास पलट कर दुर्घटनाग्रस्त हो गया। वाहन में दो ठेका श्रमिक, एक बीएसपी कर्मी व एक सीआईएसएफ के जवान सहित कुल चार लोग सवार थे। जिसमे से वाहन में सवार ठेका श्रमिक बहल राम का दुर्घटना स्थल पर ही दर्दनाक मौत हो गया। ठेका श्रमिक कलिराम गंभीर रुप से घायल है जिसे तत्काल भिलाई सेक्टर ९ अस्पताल रिफर किया गया है। बाकी दो घायलो का इलाज राजहरा माइंस अस्पताल में चल रहा है।
मृतक ठेका श्रमिक बहल राम व कलिराम जन मुक्ति मोर्चा के कर्मठ कार्यकता है व आदिवासी समाज से है, दोनो ठेका श्रमिक गरीब परिवार से ताल्लुक रखते है व अपने परिवार के एकमात्र कमाऊ सदस्य है। दुर्घटना का समाचार प्राप्त होते ही जन मुक्ति मोर्चा के पदाधिकारी व मजदूर सुबह से राजहरा माइंस अस्पताल में मौजुद है व माइंस प्रबंधन को सूचित कर दिये है कि जब तक मृत श्रमिक बहल के परिवार के एक सदस्य को बीएसपी में स्थाई नौकरी दिये जाने का लिखित पत्र नही दिया जाता तब तक मृत मजदूर साथी के शव को पोस्टमार्टम के लिए नही भेजा जायेगा। चूँकि ऐसा नियम है व पूर्व में भी दुर्घटनाओं में जान गवाने वाले श्रमिको के परिवार को प्रबंधन द्वारा स्थाई नौकरी देने का तत्काल लिखित पत्र दिया गया है।
इस दौरान आज एक बार फिर बीएसपी राजहरा माइंस प्रबंधन का घोर असंवेदनशील चेहरा उजागर हुआ है। इतना गंभीर हादसा होने के बाद भी माइंस प्रबंधन के उच्च अधिकारी अस्पताल पहुंचकर जरुरी कार्यवाही को अपने मार्गदर्शन में अविलंब पूरा करने की बजाय अपने अधिनस्थ अधिकारीयो को भेजकर माइंस आफिस के अपने एसी कार्यालय में बैठकर निर्देश दे रहे थे। इनके घोर असंवेदनशील रवैया का आलम ये था की सुबह की दुर्घटना का थाना में रिपोर्ट दोपहर तक नही कराया गया था और दुर्घटना में मृत ठेका श्रमिक के परिवार के एक सदस्य को बीएसपी में स्थाई नौकरी देने का पत्र देने में भारी आना-कानी किया जा रहा था।
माइंस प्रबंधन के इस असंवेदनशील व्यवहकार के खिलाफ जन मुक्ति मोर्चा के साथीयो द्वारा नाराजगी जाहिर करने व १० मिनट के भीतर थाना में रिपोर्ट दर्ज नही कराने पर व मृत ठेका श्रमिक बहल राम के परिवार के एक सदस्य को स्थाई नौकरी देने का पत्र नही दिये जाने पर मृत ठेका श्रमिक के शव को माइंस आफिस गेट पर रखकर विरोध प्रदर्शन करने का चेतावनी दिये जाने के बाद प्रबंधन हरकत में आया और पुलिस थाना की कार्यवाही व मृत बहल राम के बड़े भाई को परिवार के सदस्य को स्थाई नौकरी दिये जाने पत्र सौपा गया।
इस दौरान माइंस अस्पताल में सुबह से जन मुक्ति मोर्चा के अध्यक्ष जीत गुहा नियोगी, सचिव बसंत रावटे, कुलदिप नोन्हारे, ईश्वर निर्मलकर, होमन तुमरेकी, यादराम कोर्राम, भंवर सिंह मसिया, तरुण उर्वसा, कोमल, सुनिल आदि साथी अंत तक उपस्थित रहे।