कार से शराब परिवहन का मामला आबकारी एक्ट के जाल में फंसा बैगा। - PRACHAND CHHATTISGARH

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Tuesday, July 27, 2021

कार से शराब परिवहन का मामला आबकारी एक्ट के जाल में फंसा बैगा।

सुर्रा निवासी शराब कोचिया तामेश्वर साहू उर्फ़ बैगा चढ़ा पुलिस के हत्थे। 

गुरूर (बालोद)। बालोद जिला के गुरूर जनपद के तहत आने वाले ग्राम सुर्रा निवासी तामेश्वर साहू, पिता रीधन साहू उम्र 35 वर्ष को थाना गुरुर ने 25 जुलाई को एक वाहन अल्टो कार क्रमांक CG 24 P 9486 में अवैध रूप से शराब परिवहन करते पकड़ा है। आरोपी तामेश्वर के कब्जे से 45 पव्वा देशी प्लेन मदिरा जिसकी कीमत लगभग 3600 रुपए तथा परिवहन में इस्तेमाल किए जा रहे कार को गुरुर पुलिस थाना ने (पकड़ लिया) जप्त किया है। 


जानकारों के मुताबिक; तामेश्वर साहू ग्राम सुर्रा में बैगा - गुनिया का भी काम करता है और अपने घर के एक कमरे में देवी काली की आदमकद मूर्ति की स्थापना भी करवा रखा है। उसके द्वारा अन्धविश्वास फैलाकर इस बात का प्रचार किया जा चुका है की नवरात्री के अवसर में उसके शरीर में देवी का वास रहता है और वह किसी भी प्रकार की परेशानी, भूत-प्रेत, विघ्न-बाधा से लोगों को निजात दिला देता हैं, इन दिनों भ्रम में आकर उसके घर में लोगों का तांता लगा रहता है। इस बात का फायदा उठाकर वह अनेक संदिग्ध, असामाजिक और अवैधानिक कृत्य को अंजाम देते आ रहा था। 

पुलिस के मुताबिक उसके बारे में सूचना मिली थी कि वह गांव का माहौल बिगाड़ रहा है। आए दिन उसके द्वारा गांव में शराब बिक्री करने की भी शिकायत मिल रही थी। लेकिन वह हर बार चालाकी से बच जाता था। दिनांक 25 जुलाई को खबर मिली थी कि एक व्यक्ति के द्वारा वाहन (अल्टो) क्रमांक  CG 24 P 9486 में एक (कार्टून) पेटी देशी मदिरा छिपाकर ले जा रहा है। पुलिस पहले ही मौके के फ़िराक में थी और जानकारी मिलते ही उसे रंगे हाथों पकड़ लिया गया। उसके कब्जे से वाहन में छिपाकर रखे गए 45 नग देशी मदिरा की ब्रांड प्लेन पव्वा, जिसकी कीमत लगभग 3600 रुपए होगी तथा अवैध शराब परिवहन में उपयोग किए जा रहे कार को जप्त किया गया है। अभियुक्त के विरूद्ध अपराध क्रमांक 230/21 धारा 34 (2) आबकारी एक्ट के तहत मामला कायम किया गया है। अग्रिम कार्यवाही चल रही है जिसके बाद उसे न्यायलय में पेश किया जाएगा। 

खरपतवार की फ़ैल रही अंगूठा छाप पत्रकारों की फ़ौज 

उक्त घटना को कुछ दलाल किस्म के लोग जिन्हें कलम पकड़ना भी नहीं आता; खुद को पत्रकार बताकर पत्रकारिता के पावन कार्य को बदनाम कर पत्रकारिता में आड़ में दलाली की दुकानदारी चला रहे हैं, जो पत्रकारिता और प्रेस जगत के प्रमुख पद "सम्पादक" के स्थान पर संपादक लिखते हैं, वही व्यक्ति पूछताछ को "पूछताश" लिखता हो, ऐसे लोग 10 - 12 हजार में वेबसाइट बनवाकर कॉपी - पेस्ट मास्टरों और अंगूठा छाप पत्रकारों की फ़ौज खड़ी कर रहे हैं। इनका स्तर क्या हो सकता है इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है। ऐसे लोग बहुत जल्दी दूसरों पर ऊँगली उठाते हैं। इसी क्रम में नगर के परिचित एवं पत्रकारिता में सक्रीय भूमिका निभाने वालो को बदनाम करने की नियत से पकडे गए आरोपी का सम्बन्ध जोड़कर सोशल मीडिया में भ्रामक खबर चला रहे हैं। 



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