GARIYABAND : 9 माह पूर्व रहस्यमयी ढंग से लापता हुई युवती लौटी घर; संदेह में पुलिस ने खोदी थी कब्र। - PRACHAND CHHATTISGARH

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Wednesday, May 14, 2025

GARIYABAND : 9 माह पूर्व रहस्यमयी ढंग से लापता हुई युवती लौटी घर; संदेह में पुलिस ने खोदी थी कब्र।

 गरियाबंद। करीब 9 महीने पहले रहस्यमयी तरीके से गायब हुई एक नाबालिग युवती अब बालिग होकर अचानक अपने घर लौट आई है। यह वही मामला है जिसमें पुलिस ने अपहरण और हत्या की आशंका के चलते जांच के दौरान एक कब्र तक खुदवा दी थी। युवती के लौटने के बाद मामला एक बार फिर सुर्खियों में है। युवती ने पुलिस को बताया कि वह इन महीनों में बालोद जिले में अपने एक रिश्तेदार के यहां रह रही थी।

अपहरण के शक में गिरफ्तार हुआ था पड़ोसी

अगस्त 2024 में ग्राम चलना पदर में अपनी बुआ के घर रह रही यह नाबालिग युवती अचानक गायब हो गई थी। परिजनों की शिकायत पर पुलिस ने अपहरण का मामला दर्ज कर जांच शुरू की थी। कॉल डिटेल खंगालने पर पुलिस को गांव के ही 40 वर्षीय पड़ोसी से उसकी बातचीत के प्रमाण मिले। पुलिस ने 31 जनवरी 2025 को उसे हिरासत में ले लिया।

हत्या की आशंका : कब्र की खुदाई, मिला 10 साल पुराना कंकाल

पड़ोसी से पूछताछ में कोई स्पष्ट जानकारी न मिलने पर पुलिस को हत्या की आशंका हुई। युवक की निशानदेही पर गांव के श्मशान में एक कब्र खुदवाई गई। कार्यपालिक दंडाधिकारी की मौजूदगी में खुदाई की गई, जिसमें एक कंकाल मिला। जांच में स्पष्ट हुआ कि वह कंकाल करीब 10 वर्ष पुराना था। इसके बाद पुलिस ने मामले की जांच की दिशा बदल दी।

रातोंरात घर पहुंची युवती, कोर्ट में दर्ज होगा बयान

मंगलवार की रात युवती अचानक अपने माता-पिता के पास, पुरनापानी के कुरलापारा पहुंची। परिजनों ने तुरंत इसकी सूचना पुलिस को दी। देवभोग थाना प्रभारी फैजुल होदा शाह ने बताया कि युवती अब बालिग हो चुकी है और उसका बयान न्यायालय के समक्ष दर्ज कराया जाएगा।

कानूनी प्रक्रिया के तहत होगी आगे की जांच

पुलिस के अनुसार युवती का बयान भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 183 के तहत कोर्ट में दर्ज कराया जाएगा। यदि उसके बयान से किसी अपराध की पुष्टि होती है तो वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देश पर आगे की कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

आदिवासी समाज ने किया था पुलिस कार्रवाई का विरोध

इस मामले में संदेह के आधार पर गिरफ्तार युवक लालधर गौड़ को लेकर आदिवासी समाज ने विरोध जताया था। 27 मार्च को आदिवासी विकास परिषद के नेतृत्त्व में लोकेश्वरी नेताम और संजय नेताम सहित कई लोगों ने देवभोग थाने का घेराव किया था। उनका आरोप था कि पुलिस ने लालधर को शारीरिक और मानसिक रूप से प्रताड़ित किया, जिससे उसका एक पैर भी टूट गया।





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