"हाई कमान" से गुहार
मामले में पुलिस की निष्क्रियता से निराश होकर डॉ. देवांगन ने अब वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) और सिविल लाइंस सीएसपी से हस्तक्षेप की गुहार लगाई है।
ऐसा है पूरा मामला
डॉ. विकास देवांगन के अनुसार, भूमि दलाल ललित जैन और कैलाश प्रधान, जो उनके क्लीनिक में नियमित रूप से आते-जाते थे, ने उन्हें रायपुर के देवपुरी क्षेत्र में काली मंदिर चौक के पास 27,500 वर्ग फीट की एक आकर्षक जमीन का प्रस्ताव दिया। इस जमीन पर बाउंड्रीवॉल और 5,000 वर्ग फीट में निर्मित मकान होने का दावा किया गया।
दलालों ने दावा किया कि यह संपत्ति मुन्नी बाई पाण्डेय, उनके पति रामनिधि पाण्डेय के स्वामित्व में है।
अप्रैल 2024 में दलालों ने डॉ. देवांगन की मुलाकात मुन्नी बाई पाण्डेय से कराई। मुन्नी बाई ने संपत्ति को अपने स्वामित्व का बताते हुए इसे 1.15 करोड़ रुपये में बेचने की सहमति जताई। इसके बाद 8 मई 2024 को दोनों पक्षों के बीच 50 रुपये के नॉन-ज्यूडिशियल स्टांप पेपर पर बिक्री समझौता हुआ।
भुगतान और धोखाधड़ी का खुलासा
डॉ. देवांगन ने समझौते के तहत मुन्नी बाई पाण्डेय को अलग-अलग तारीखों में कुल 1.15 करोड़ रुपये का भुगतान किया, जिसमें नकद और कोटक महिंद्रा बैंक के चेक शामिल थे। इसके अतिरिक्त, दलालों को 2 लाख रुपये की दलाली भी दी गई। भुगतान की प्राप्ति की पुष्टि मुन्नी बाई और उनके बेटे बलभद्र पाण्डेय व पोते आर्यन पाण्डेय के हस्ताक्षरों से हुई।
जमीन का माँगा कब्ज़ा, तब मुन्नी हुई बदनाम
हालांकि, जब डॉ. देवांगन ने जमीन का कब्जा मांगा, तो मुन्नी बाई टालमटोल करने लगीं। इस बीच, एक अन्य व्यक्ति, मनोज त्रिवेदी, ने दावा किया कि उक्त जमीन उनके पिता की है और मुन्नी बाई का इससे कोई लेना-देना नहीं। जांच में पता चला कि यह जमीन वास्तव में "घास जमीन" है, जिसका कोई वैध स्वामित्व नहीं है।
आंशिक रिफंड, शेष राशि लंबित
डॉ. देवांगन के बार-बार अनुरोध के बाद मुन्नी बाई ने 28.50 लाख रुपये (14.50 लाख रुपये नकद और 14 लाख रुपये की एक अन्य संपत्ति के रूप में) लौटाए। हालांकि, बाकी 86.50 लाख रुपये का भुगतान अभी तक नहीं किया गया है।
पुलिस की कार्रवाई पर सवाल
डॉ. देवांगन ने टिकरापारा थाने में शिकायत दर्ज की, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई न होने पर उन्होंने सीएसपी और एसएसपी से संपर्क किया। टिकरापारा सीएसपी ने बताया कि शिकायत की जांच चल रही है और यदि धोखाधड़ी की पुष्टि होती है, तो प्राथमिकी दर्ज कर कार्रवाई की जाएगी। हालांकि, थाना प्रभारी से संपर्क करने की कोशिश नाकाम रही।
क्या कहते हैं पीड़ित?
डॉ. विकास देवांगन ने कहा, "मैंने अपनी मेहनत की कमाई इस सौदे में लगाई, लेकिन मुझे धोखा दिया गया। मैं चाहता हूं कि दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई हो और मेरा पैसा वापस मिले।"
यह मामला रायपुर में बढ़ते जमीन घोटालों की गंभीर स्थिति को उजागर करता है। स्थानीय निवासियों और विशेषज्ञों का कहना है कि बिना उचित जांच के बड़े सौदों में निवेश से बचना चाहिए। पुलिस की जांच और इस मामले में आगे की कार्रवाई पर सभी की नजरें टिकी हैं।
No comments:
Post a Comment