BALOD : 7 तारीख को घर-घर विराजेंगे गणपती बप्पा...

गुरुर (बालोद) :  देश में हर साल गणेश उत्सव मनाया जाता है। अलग-अलग जगहों पर लोग पांडाल लगाकर गणेश जी की मूर्ति को विराजमान करते है। ऐसा कहा जाता है कि गणेश महाराज कैलाश पर्वत से धरती पर आते हैं और भक्तों के बीच 10 दिन तक रहते हैं। इस दौरान गणेश भगवान सभी के कष्टों को हरते हैं। हम आज आपको बताएंगे कि इस साल गणेश चतुर्थी कब और किन मुहूर्तों में मनाई जाएगी…

बता दें कि इस साल गणेश चतुर्थी 7 सितंबर 2024 को मनाई जाएगी। इस दिन से 10 दिन के लिए गणेश जी की मूर्ति को स्थापित करते हैं। इसका समापन अनंत चतुर्दशी पर 17 सितंबर 2024 को होगा। इस दिन बप्पा की मूर्ति का विसर्जन कर उन्हें विदाई दी जाती है। पंचांग के अनुसार भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि 6 सितंबर 2024 को दोपहर 03 बजकर 01 मिनट पर शुरू होगी और अगले दिन 7 सितंबर 2024 को शाम 05 बजकर 37 मिनट पर इसका समापन होगा।

क्यों मनाते हैं 10 दिन तक गणेश उत्सव ?

जब भी हम कुछ नया काम शुरू करते हैं तो सबसे पहले गणेश जी की पूजा-अर्चना करते हैं। गणेश चतुर्थी के दिन शंकर और पार्वती माता के पुत्र गणपति जी का जन्मोत्सव मनाया जाता है। वहीं, एक पौराणिक कथा के अनुसार महर्षि वेदव्यास जी ने महाभारत की रचना के लिए गणेश जी का आह्वान किया था। व्यास जी श्लोक बोलते गए और गणपति जी बिना रुके 10 दिन तक महाभारत को लिपिबद्ध लिखते गए थे। दस दिन में गणेश जी पर धूल मिट्‌टी की परत जम गई थी। 10 दिन बाद यानी की अनंत चतुर्दशी पर बप्पा ने सरस्वती नदी में स्नान कर खुद को स्वच्छ किया, उसके बाद से ही दस दिन तक गणेश उत्सव मनाया जाने लगा।



नगर पंचायत गुरुर में देऊर मंदिर से लगे जय गंगा मईया मुर्तिकार अपने हाथों की कला से भगवान श्री गणेश जी का बहुत ही सुंदर और विशाल रूप वाले गणेश की प्रतिमा के साथ छोटे रूप में भी आकार दिया गया है। ताकि घरों में भी लोग आसानी से गणेश भगवान की मूर्ति को रख सके और 11 दिन तक पूजा पाठ कर रिद्धि सिद्धि की सेवा कर सके और सही मार्ग, कार्य मे किसी भी बाधा से दूर रखें और घर परिवार में हमेशा सुख शांति बना रहे है। ऐसे मनोकामना लिए भक्तजन गणेश भगवान की प्रतिमा स्थापना कर पूजा अर्चना करते है।

अमीत मंडावी
संवाददाता