भाजपा सरकार की 7 किलो चांवल की जगह 5 किलो चांवल वाली नीति लोकसभा चुनाव में कितना प्रभावी..?
लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने राशन कार्ड के मुद्दे को जमकर उछाला जिसके कारण भाजपा बैक फुट पर आ गई मुख्यमंत्री विष्णुदेव को यह कहना पड़ गया कि कांग्रेस भ्रम फैला रही है, सबको 35 किलो चावल मिलेगा।
रायपुर। भूपेश सरकार और वर्तमान साय सरकार द्वारा आबंटित नए राशन कार्ड को देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है कि लोकसभा चुनाव के बाद गरीबों को मिलने वाली राशन में सरकार की वक्रदृष्टि पड़ चुकी है और संभवतः तब एक राशन कार्ड में 5 से अधिक सदस्य वाले परिवार को जिसे अब तक प्रति सदस्य सदस्यों 7 किलो चांवल प्रति व्यक्ति दिया जाता था अब उसमे दो किलो की कटौती किए जाने का साफ संकेत मिल चुका है। हम आपके सामने जो सबूत रख रहे हैं उसे देखकर आप समझ सकते हैं कि विष्णु देव साय किस तरह गरीबों के अनाज पर सांय सांय डंडी मारने जा रही है।
2023 में मोदी की गारंटी के नाम पर चुन कर आई छत्तीसगढ़ भाजपा की साय सरकार द्वारा नया राशन कार्ड हितग्राहियों का बनवाया गया, जिसमें प्रति व्यक्ति 5 किलो प्रति सदस्य चांवल दिये जाने की बात लिखी है !
पूर्व की कांग्रेस की भूपेश सरकार द्वारा राशन कार्ड धारी व्यक्ति के परिवार को
- 1 व्यक्ति 10 किलो चांवल
- 2 व्यक्ति 20 किलो चांवल
- 3 से 5 व्यक्ति 35 किलो चांवल
- 5 से अधिक व्यक्ति को 7 किलो चांवल प्रति व्यक्ति दिया जाता था !
वो ग़रीब जो रोटी कपड़ा मकान के लिये सुबह से शाम जीवन भर जूझते है और सरकार को वोट देते हैं ताकि अब की बार उनका भला होगा, लेकिन 2 किलो चांवल काटने का विरोध जब भूपेश बघेल व कांग्रेस ने किया तब आनन फानन में नये राशन कार्ड को छत्तीसगढ़ भाजपा सरकार द्वारा रोक दिया गया जो संभवतः लोकसभा के बाद चालू किया जाएगा !
सोशल मीडिया के इस दौर में खबरें कहाँ दबने वाली है- ग्रामीण व शहरी जनता के बीच चांवल कटौती का आक्रोश आम जन में फैल रहा है !
ये आक्रोश वोट में तब्दील हो कर भाजपा के विरोध में परिवर्तित होता है तो भाजपा के लोकसभा प्रत्याशियों के लिए ख़ासी दिक़्क़त हो सकती है, या एक तरफ़ा हार का कारण भी बन सकता है। हालांकि उपरोक्त राशन कार्ड में सब कुछ स्पष्ट लिखा हुआ है। प्राथमिकता परिवारों को कांग्रेस शासन में 35 किलो राशन ही मिलता था पांच सदस्य से ऊपर होने पर 7 किलो अतिरिक्त दिया जाता था।
यदि मोदी की गारंटी में 5 साल, 5 किलो फ्री राशन की बातें लिखी गई है जो राशन कार्ड में लिखा है वही गारंटी है तब गांव और शहर में रहने वाले राशन कार्ड धारी का वोट मिल पाना ऐसे में मुश्किल हो सकता है।