अपने हक के लिए सड़क कि लड़ाई लड़ने पऱ मजबूर -छत्तीसगढ़ कॉन्ट्रेक्टर एसोसिएशन - PRACHAND CHHATTISGARH

Thursday, November 27, 2025

अपने हक के लिए सड़क कि लड़ाई लड़ने पऱ मजबूर -छत्तीसगढ़ कॉन्ट्रेक्टर एसोसिएशन

 RES विभाग की सुस्ती से ठेकेदार बेहाल: छत्तीसगढ़ कॉन्ट्रेक्टर एसोसिएशन ने आरोप लगाते हुए कहा— “परिवार बर्बाद हो रहे, जिला प्रशासन और विभाग हमें सड़क पर लाने पर तुली है”

                                      बालोद

छत्तीसगढ़ कॉन्ट्रेक्टर एसोसिएशन ने RES विभाग और जिला प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए हैं। संगठन का कहना है कि विभागीय सुस्ती, भुगतान में देरी और अव्यवस्थित निविदा प्रक्रिया ने जिले के सैकड़ों ठेकेदारों और उनके परिवारों को आर्थिक संकट में धकेल दिया है।

इसी मुद्दे पर संघ ने 6 सूत्रीय मांगें रखी थीं, जिन पर RES विभाग ने अपना जवाब जारी किया है। मगर एसोसिएशन का आरोप है कि विभाग का जवाब “औपचारिकता भर” है और वास्तविक समस्याओं को अनदेखा किया गया है।

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गुण्डरदेही की 5 करोड़ की निविदाएँ— सवाल बरक़रार


एसोसिएशन ने आरोप लगाया कि गुण्डरदेही ब्लॉक में 5 करोड़ की निविदाएँ गंभीर अनियमितताओं के साथ जारी हुईं, जिससे छोटे ठेकेदार पूरी तरह हाशिये पर चले गए।

विभाग ने निविदाओं को “पारदर्शी” बताया, लेकिन ठेकेदारों का कहना है—


कागज़ में पारदर्शिता, पऱ जमीन पे ठेकेदारों की तबाही साफ दिख रही है।”


बकाया भुगतान महीनों से अटका— परिवार संकट में


ठेकेदारों के अनुसार,


कई महीनों से बिल लंबित पड़े हैं,


बैंक किश्तें, मजदूरी, मशीन किराया और घर का खर्च—सब पर असर पड़ा है।


RES विभाग ने कहा कि भुगतान जिला कार्यालय में लंबित है, लेकिन ठेकेदारों का आरोप है—


“ विभाग और जिला प्रशासन की इस सुस्ती से कई परिवार खाने तक के लिए मोहताज हो गए हैं।”


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20–35% कम दरों वाले टेंडरों से ठेकेदारों की कमर टूटी


कॉन्ट्रेक्टर एसोसिएशन का कहना है कि कम दरों के कारण

गुणवत्तापूर्ण कार्य असंभव हो रहे हैं,

बाजार मूल्य से कम दर पर ठेका लेना मजबूरी है,

मजदूरों का भुगतान तक नहीं निकल पाता।


विभाग इसे नियम प्रक्रिया का हिस्सा बता रहा है, पर ठेकेदारों की पीड़ा है—


“नीतियाँ ऐसी बना दी गईं कि ठेकेदार धीरे-धीरे खत्म हो जाए।"



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SD–PG रजिस्टर, टेस्टिंग और निरीक्षण— ‘कागज़ी कार्रवाई’ बताई


विभाग ने कागज़ी रूप से सब कुछ सही बताया, लेकिन ठेकेदारों का आरोप है—


> “जमीनी स्तर पर प्रक्रिया गड़बड़ है, पर जिम्मेदारी कोई नहीं लेता।”

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पंचायत कार्यों पर अस्पष्टता— दोहरा नियम?


दो विभागों के बीच ज़िम्मेदारियाँ उलझी हुई हैं।

एसोसिएशन का कहना है कि RES और पंचायत विभाग की दोहरी प्रक्रिया ने ठेकेदारों को बीच में फंसा दिया है।

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⚠️ 1 दिसंबर की प्रस्तावित रैली पर रोक लगाने हेतु विभाग ने जिला प्रशासन से की गुजारिश — ठेकेदार नाराज़ बोले आंदोलन होके रहेगा 


RES विभाग ने रैली को “अनाधिकृत” बताते हुए निरस्त करने का अनुरोध किया है।


कॉन्ट्रेक्टर एसोसिएशन का कहना है—


“जब विभाग सुनने को तैयार नहीं, तो ठेकेदार शांत कैसे रहें? हमारी आवाज़ दबाई जा रही है।”


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🔍 कुल मिलाकर— ठेकेदारों पर संकट, विभाग पर सवाल?


RES विभाग ने 6 मांगों का जवाब तो दिया है, लेकिन ठेकेदारों के अनुसार


समस्याएँ ज्यों की त्यों हैं,


भुगतान नहीं,


नीति अस्पष्ट,


कार्य गुणवत्ता का दबाव,


और विभागीय प्रक्रिया में देरी

ने ठेकेदार वर्ग को आर्थिक और मानसिक रूप से तोड़ दिया है। जिसके चलते आगामी 1 दिसम्बर से अनिश्चितकालीन हड़ताल पऱ जाने के लिए मजबूर हो रहे है!


अब सवाल यह है कि—

क्या जिला प्रशासन और RES विभाग ठेकेदारों की वास्तविक समस्याओं को समझेंगे, या यह वर्ग आंदोलन करने को मजबूर होगा?

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