RAIPUR : आवासीय स्वीकृति की आड़ में व्यावसायिक भवनों का निर्माण

अवैध रूप से बनी जौहरी हॉस्पिटल से सटकर एक और बिल्डिंग (बताया गया है कि निर्माणाधीन कॉम्प्लेक्स राजेश पटेल की है।)

रायपुर - भाटागांव में जहां देखो वहां भवन निर्माण कार्य चल रहा है। भूमिगत और बहुमंजिला निर्माण के लिए नगर निगम जोन 6 से अनुमति सिर्फ आवासीय भवन निर्माण की ली गई है जबकि इसका इस्तेमाल व्यावसायिक हो रहा है। इससे शहर का स्वरूप बिगडऩे लगा है।

इन कॉमर्शियल भवन मालिकों ने पार्किंग की जगह तक नहीं छोड़ी है। ऐसे में शहर की सडक़ों पर ही वाहनों की लंबी कतार लगने लगी है। इससे यातायात व्यवस्था भी प्रभावित हुई है। वहीं नगर निगम जोन 6 को आवासीय से व्यावासयिक भवन इस्तेमाल करने से भू उपयोग परिवर्तन शुल्क के रूप में राजस्व की भी हानि हुई है।

शहर में कॉमर्शियल भवन के लिए एनओसी दी जाती तो नगर निगम को प्रत्येक बिल्डिंग से औसतन लाखों रुपए का राजस्व मिल सकता था लेकिन ऐसा नहीं हुआ है। इस कारण नगर निगम जोन 6 का खजाना खाली करवाना चाहते है आयुक्त।


सबसे ज्यादा कॉमर्शियल भवनों का निर्माण भाटागांव पानी टंकी सब्जी मार्केट से लेकर भाटागांव चौक तक अधिक हो रहा है। 

नगर निगम जोन 6 प्रशासन मूकदर्शक बना हुआ है। शहर के मुख्य मार्गो पर बहुमंजिला भवन बनने के बावजूद कॉमर्शियल गतिविधियों के संबंध में जांच नहीं की जाती। यही वजह है कि जब बिल्डिंग का निर्माण हो जाता है तो एनओसी लेने के लिए नगर निगम में फाइल जमा होती है। तब तक भवन बनाने की प्रक्रिया पूरी हो चुकी होती है। ऐसे में सिर्फ संबंधित भवन तोडऩे का विकल्प बचता है। लेकिन नगर निगम ने पिछले कई वर्षो से एक भी भवन को गैर कानूनी नहीं बताते हुए उसे तोड़ा तक नहीं है।

इधर, निगम के अधिकारियों की माने तो सिफारिश नियम कायदों पर अधिक हावी है। इस कारण चाहकर भी संबंधित भवन को सीज तक नहीं कर सकते।

यहां तक कि तत्कालीन आयुक्त और राजस्व अधिकारी के खिलाफ डीएलबी और स्वायत्त शासन मंत्री तक शिकायतों का अंबार लगा दिया था। इस शिकायत में आरोप लगाया था कि निगम के अधिकारियों और चंद कर्मचारियों ने मिलकर 25 भवनों के निर्माण की अनुमति आवासीय दी गई जबकि इन भवनों का इस्तेमाल कॉमर्शियल गतिविधियां करने के लिए किया जा रहा है।

यहां तक कि जिन गलियों में बहुमंजिला और कॉमर्शियल गतिविधियों के लिए भवन का निर्माण पर नियमों में रोक है, इसके बावजूद निर्माण की अनुमति दी गई। 

इलाके में कई भवन मालिकों को नगर निगम ने मार्च, अप्रेल के अंतिम सप्ताह में नोटिस दिए थे। लेकिन अब तक इन भवन मालिकों की ओर से कोई जवाब नहीं आया है। जिसमें राजेश पटेल, डॉ अमरीश वर्मा, बीकानेर मिक्चर के बाजु वाली बिल्डिंग है।

इधर नगर निगम जोन 6 के अधिकारियों का कहना है की हमने 3 नोटिस जारी कर दिए है अब आखरी नोटिस देकर आगे की कार्यवाही करेँगे। लेकिन इसके साथ साथ दुकानें भी संचालित हो रही है।

नगर निगम के एक अफसर के अनुसार जनप्रतिनिधियों के अलावा रायपुर के उच्चाधिकारी सिफारिश करने के लिए फोन करते है। ऐसे में चाहकर भी सख्त कार्रवाई नहीं कर सकते।