गुजरात का विधानसभा चुनाव मोदी के नेतृत्व में लड़ा जा रहा है। वैसे अब तक देश में हुए विधान सभा चुनावों में वही सामने होते हैं। हर चुनाव में उनकी प्रतिष्ठा दांव पर होती है। अगर बहुमत नहीं मिला तो साम-दाम-दंड-भेद के द्वारा विधायकों को अपने पाले में लेकर सरकार बन जाती है। गुजरात के अबकी चुनाव में मोदी ही सर्वश्री हैं। वे खुद पूरे गुजरात में अपने द्वारा किए काम को गला फाड़ बतला रहे हैं। जनता मंहगाई बेरोजगारी से त्रस्त है, हालाकि वे हार की खबरों से भयभीत होते हुए भी तसल्ली में हैं कि सरकार कैसे भी हो हमारी बन जाएगी। दस विधायक इधर से तोड़ें या उधर से, आपरेशन "लोटस" जिन्दाबाद।
20 सालों बाद बाद कांग्रेस 2017 में काफ़ी मजबूत हुई थी पहले के मुकाबले लेकिन अबकि पारी में आप के मुफ्त घोषणाओं से किसका नफा-नुकसान हो रहा है यह तो परिणाम ही बताएँगे। लेकिन चुनाव विशेषज्ञ कह रहे हैं कि आप के मजबूत होने से कांग्रेस को नुकसान होगा और बीजेपी एक बार फिर सरकार बनाने में कामयाब होगी। बहरहाल कांग्रेस और आप के कारण मोदी के पेशानी पर बल जरुर पड़ रहे हैं पर रणनीति उन सीटोँ को साधने की ज्यादा है जिसमें पिछले चुनाव में बीजेपी हारी थी। कांग्रेस में इस तरह के मैनेजमेंट का अभाव है।
श्रीराम शुक्ला |