चूंकि इन तथाकथित गौ-रक्षकों के आतंक का शिकार अक्सर दलित और मुसलमान समुदाय के लोग होते आए हैं, इसलिए समाज जैसे मानो इस अन्याय का अभ्यस्त-सा हो चला था। लेकिन इस बार कहानी ने करवट बदली है—और इनके आतंक की भेंट पिछड़ा वर्ग चढ़ गया। यह वही पिछड़ा समाज है जिसे व्यवस्था ने हमेशा मेहनतकश, शांत और कानून में विश्वास रखने वाला बताया, मगर अब वही इन कथित रक्षकों के हाथों अपमान, भय और हिंसा का बोझ ढो रहा है। जिस नाम पर संरक्षण का दावा किया जाता है, उसी नाम पर इंसानों को राक्षसी तरीक़े से निशाना बनाना अब एक नया और खतरनाक सामाजिक संकेत बनकर उभर रहा है—मानो इंसानियत का मूल्य हर बार किसी नई जाति, नए समुदाय की पीड़ा से तय किया जा रहा हो।
बालोद : जिले के गुरुर जनपद में 08 दिसंबर को मवेशियों को लेकर जा रहे तीन ग्रामीणों के साथ मारपीट किए जाने का मामला सामने आया है। घटना में घायल हुए तीनों व्यक्तियों का इलाज धमतरी के बठेना अस्पताल में जारी है, जिनमें दो की हालत गंभीर बताई जा रही है।
पीड़ितों की पहचान वेदप्रकाश साहू (28), सतीश साहू (30) और बलराम साहू (55), सभी ग्राम रांवा (जिला धमतरी) निवासी के रूप में हुई है।
जानकारी के अनुसार, तीनों एक छोटे मालवाहक वाहन (टाटा एस) में दो–तीन मवेशियों को लेकर किसी स्थान की ओर जा रहे थे। इसी बीच किसी ने कथित तौर पर कुछ तथाकथित ‘गौ-रक्षक’ समूह को सूचना दे दी।
सूत्रों का दावा है कि सूचना मिलने के बाद तथाकथित इन ‘गौ-रक्षकों’ का एक समूह चारपहिया वाहन CG 05 Y 5211 में सवार होकर धमतरी जिले से बालोद जिले के गुरुर क्षेत्र तक पहुँचा और मार्ग में तीनों व्यक्तियों को रोककर उन्हें घेर लिया, और...
खुद को गौ-रक्षक बताने वाले आरोपित व्यक्तियों ने तीनों ग्रामीणों के साथ निर्दयता से मारपीट की, जिसके चलते वेदप्रकाश और सतीश नामक दो युवक गंभीर रूप से घायल हो गए। दोनों को धमतरी के बठेना अस्पताल के गहन उपचार कक्ष में भर्ती किया गया है। तीसरे घायल, बलराम साहू, का सामान्य उपचार चल रहा है।
घटनाक्रम का वीडियो उपलब्ध
पूरी घटना का एक वीडियो भी हमे प्राप्त हुआ है, जिसमें मारपीट और पीड़ितों की स्थिति स्पष्ट रूप से दिखाई देती है। यह वीडियो घटना की गंभीरता को और मजबूत करता है –
पुलिस को जानकारी, पर कार्रवाई अब तक नहीं ?
घटना के बाद गुरुर थाना पुलिस मौके पर पहुँची थी और पूरे मामले की जानकारी भी रखती है।
हालाँकि ; घटना को 4 दिन बीत जाने के बावजूद, समाचार लिखे जाने तक कथित आरोपियों पर किसी कार्रवाई की पुष्टि नहीं हुई है।
स्थानीय राजनीतिक संबंधों का आरोप
सूत्रों के मुताबिक घटना में शामिल बताए जा रहे व्यक्तियों का संबंध क्षेत्र के एक नामी रसूखदार के करीबी बताया जाता है। हालाँकि, यह दावा अभी तक आधिकारिक रूप से पुष्टि-रहित है।






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