scam : अब 'पंच' परमेश्वर नही रहे ! - PRACHAND CHHATTISGARH

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Friday, April 22, 2022

scam : अब 'पंच' परमेश्वर नही रहे !

पंच के दिल में ख़ुदा बसता है शायद इसीलिए मुंशी प्रेमचंद ने अपनी कहानी का शीर्षक पंच परमेश्वर रखा रहा होगा। लेकिन अब अब पंच भी परमेश्वर नही रहे ! मुंशी प्रेमचंद की कहानी पंच परमेश्वर में जब जुम्मन मिया की पत्नी और उसकी खाला के साथ अनबन हो जाता है तब जुम्मन लंगोटिया अलगू ही पंच बनकर न्याय की मिसाल कायम किया था। लेकिन कहानी और वास्तविकता में जमीन आसमान का फर्क होता है अब के पंच ना तो अलगू की तरह होते हैं और न ही कोई सरपंच परमेश्वर। 


बालोद
: ऐसा कोई नेता नहीं, जिसने जनता को ठगा नहीं। प्रस्तुत उदाहरण किसी भी आम या खास नेता के लिए नहीं कही गई है बल्कि मौजूदा सिस्टम की  व्यवस्था के मद्देनजर यह बात जनता के द्वारा इन दिनों फरमाई जाती है। हालांकि देश में ईमानदार नेताओं की कमी नही है जिसके बाद जनता के मन इस तरह से धारणा बने रहना निश्चित तौर पर चिंता का विषय है। पंचायती राज व्यवस्था के अंतर्गत ग्राम पंचायत को लोकशाही का प्रथम सोपान माना गया है, जिसके दायरे में रहकर ग्रामीण अंचल क्षेत्रों के लोग शासन और प्रशासन तक अपनी बात व मांग को  प्रमुखता से रखते है। ग्रामीण अंचल क्षेत्रों में रहने वाले नागरिकों के लिए ग्राम पंचायत ही एकमात्र ऐसी जगह है, जहां नागरिकों को उनकी मौलिक अधिकारों से संबंधित जानकारी एवं सरकार के द्वारा संचालित  योजनाओं का लाभ मिलता है । 


ग्राम पंचायत में लोकशाही की अहमियत बरकरार रखने हेतू ग्रामीण जनता पंचायत सदस्यों का चयन कर अपना सेवक चुनता है। चुने गए लोगों को ग्रामीण जनता, पंच या सरपंच की उपाधि से नवाजते हुए उनके नेतृत्व में सम्पूर्ण ग्राम की विकास पर कार्य किया जाता है। विडंबना यह है कि आज के वर्तमान परिदृश्य में पंच और सरपंच अपनी मूल जिम्मेदारीयो से दूर जाते हुए स्वार्थ में सिद्धी में ज्यादा दिलचस्पी ले रहे है । स्वार्थ सिद्धि में आगे रहने के चलते आज के वर्तमान परिदृश्य में बालोद जिला अंतर्गत  कई ग्राम पंचायत में निवासरत  आम जनता पंच और सरपंच को परमेश्वर की उपाधि देने के बाद भी उन पर भरोसा करने को तैयार नहीं है, जिसका प्रत्यक्ष प्रमाण हमें बालोद जिला अंतर्गत गुरूर विकासखंड क्षेत्र के सबसे बड़ा ग्राम पंचायत पलारी में देखने को मिल रहा है।

गुरूर विकासखंड क्षेत्र के ग्राम पंचायत पलारी के कुछ ग्रामीणों का इन दिनों विडियो वायरल हुआ है। वायरल विडियो में ग्रामीणों के द्वारा ग्राम पंचायत पलारी के सरपंच व कुछ पंचों को ग्रामीणों से आबादी जमीन के एवज में पैसा दिये जाने से संबंधित विषय पर चर्चा किया गया है, हालांकि वायरल विडियो की सच्चाई का दावा बहरहाल हम नहीं कर रहे है, लेकिन वायरल विडियो में ग्रामीणों के द्वारा ग्राम पंचायत पलारी के सरपंच एवं कुछ पंचों का नाम साफ तौर पर लिया जा रहा है। 

ज्ञात हो कि ग्राम पंचायत पलारी अंतर्गत ग्राम के कुछ लोगों द्वारा गांव से बाहर पलारी सांगली मोड़ के आसपास कुछ वर्षों से अवैध तरीके से मकान बनाकर निवासरत है । अवैध कब्जा को लेकर ग्राम पलारी में निवासरत लोगों के मध्य कई बैठकों का दौर चला है। यहाँ तक ग्राम पलारी के सरपंच एवं ग्राम के जागरूक नागरिकों के द्वारा जिला कलेक्टर से घास भूमि को आबादी भूमि घोषित किए जाने को लेकर एवं अवैध कब्जा की शिकायत हेतू आवेदन दिया गया था, जिस पर जिला प्रशासन की ओर से अब तक कोई माकूल कार्यवाही नहीं देखा गया है। 

अमित मंडावी,
पत्रकार। 

मामले में ग्रामीणों की ग्राम पंचायत सदस्यों के साथ बैठक हुआ है जिसमें यह तय हुआ है कि सभी अवैध कब्जा धारी ढाई डिस्मिल जमीन का उपयोग करें बाकी जगह को गांव में रहने वाले जरूरत मंद के ताकी सभी जरूरतमंदों को रहने हेतू मकान बनाने के लिए जगह मिल जाए । वायरल विडियो में ग्राम पंचायत के जिम्मेदार प्रतिनिधियों को आबादी भूमि के एवज में पैसा देने की बात कही जा रही है तो वहीं ग्रामीण मामले की शिकायत करने हेतू गुरूर थाना, जिला कलेक्टर एवं विधायक कार्यालय पहुंच रहे है।

मामले संबंधित मुझे कुछ जानकारी नही है और ना ही मामले में मुझसे कोई शिकायत करने हेतू शिकायतकर्ता पहुंचा है : ग्राम पंचायत सचिव


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