Negligence : मुश्किल में फंसी चितल, वन विभाग बालोद की पकड़ से हुई गायब। - PRACHAND CHHATTISGARH

Home Top Ad

 



 

Post Top Ad

Wednesday, January 19, 2022

Negligence : मुश्किल में फंसी चितल, वन विभाग बालोद की पकड़ से हुई गायब।

बालोद : जिला में रविवार शाम को  करीब करीब 4:30 बजे तांदुला नदी के किनारे पानी पी रहा लगभग 5 वर्षीय नर चीतल, कुत्तों की झुंड से बचने तांदुला नदी में छलांग लगा दिया। करीब 2 घँटे तक वह नदी में ही फंसा रहा इस दौरान वह ठंड के कारण काफी ठिठुरता हुआ नजर आया ढंड से चितल की हालत खराब हो गई थी। जिसके बाद कुछ स्थानीय लोगो ने इसकी सूचना वन विभाग को दी, इस पर वन विभाग की टीम तत्काल उक्त स्थान पहुँच कर नर चीतल को नदी से बाहर निकालने का भरपूर प्रयास किया लेकिन अंत तक चीतल बाहर नही आया। विभाग की टीम रात करीब 11 बजे तक चीतल को पानी से बाहर निकलने की कोशिश की लेकिन चीतल विभाग के हाँथ नही लगा और वह जंगल की ओर भाग निकला। 


इस दौरान विभाग की टीम आज तड़के सुबह 5 बजे से ही जंगल मे चीतल की खोजबीन शुरू कर दिया है ताकि चीतल की स्थिति का जानकारी ले सकें लेकिन, सुबह 5 बजे से अब तक चीतल की कोई गतिविधि नजर नही आया इसलिए विभाग द्वारा अनुमान लगाया जा रहा है कि चीतल घने जंगल की ओर भाग निकला होगा। 

मामले में वन परिक्षेत्र अधिकारी रियाज खान ने कहा कि विभाग की टीम देर रात 11 बजे तक चीतल को निकालने का प्रयास किया गया लेकिन वह घबराहट के कारण नही निकल पाया और किनारे होते हुए वह जंगल की ओर भाग निकला अभी उनकी स्थिति का जायजा लेने टीम को जंगल मे भेजे हैं।वन विभाग बालोद की इसे बड़ी चूक कही जा सकती है क्योंकि वन विभाग हर साल करोड़ों रुपए खर्च कर जंगली जानवरों को सुरक्षित और संरक्षित रखने का दावा करती है लेकिन बालोद वन विभाग के द्वारा कुत्तों से जान बचाकर कर तांदुला नदी में छलांग लगाकर जान बजाने वाला चितल को सुरक्षा नही दे पाई ऐसे में सवाल उठना लाजमी है। 

*अमित मंडावी, पत्रकार। 

लोगों की मानें तो वन विभाग बालोद ना तो जंगल को संरक्षित कर पा रही है और ना ही जंगलों में रहने वाले जानवरों को जिला में पहले के मुकाबले लगातार वनों कि रकबा में कमी तो वहीं जंगलों में नाम मात्र वन्य पशु। छत्तीसगढ़ सरकार को केन्द्र सरकार से वन संरक्षण हेतू इस वर्ष मिल चुका है अवार्ड, लेकिन राज्य सहित जिला में हर वर्ष वन्य प्राणियों और मानव में द्वंद की स्थिति जिला में हर साल जंगली सुअर से अगिनत इंसानों को छति ,तो वंही जिला में बंदर और हाथीयों के चलते करोड़ रूपए का नुकसान जंगल के किमती और इमारती लकड़ीयो का लगातार  तस्करी ,वन विभाग बालोद में पदस्थ है सालों से कार्यरत है अधिकारी और कर्मचारी।



No comments:

Post a Comment

Total Pageviews

Post Top Ad