Magnanimity : राजनीतिक दलों के मुफ्त बांटने की घोषणा पर बिफरे सुप्रीम कोर्ट।

घटीया किस्म अनाज मिलने से कोचेरा के ग्रामीणो में फैली आक्रोश


बालोद
: भारत में दान दक्षिणा को मानवीय रूप से परोपकार से जोड़ते हुए देखा जाता है देश के अंदर परोपकार के नाम पर या दान दक्षिणा के नाम पर राजनीतिक फायदा उठाने वाले राजनीतिक दलों या सियासी पार्टियों की कमी नहीं है। वर्तमान समय में देश के अंदर कई राज्यों में विधानसभा चुनाव हैं ऐसे में कई राजनीतिक पार्टियां हैं जो मतदाताओं को लुभाने के लिए तरह-तरह की बातें और घोषणाएं जनता हेतु आज चुनाव प्रचार के दौरान किया करते हैं। इस बीच सर्वोच्च न्यायालय ने एक दिलचस्प टिप्पणी देश के अंदर मौजूद सियासी दलों के लिए कहा है। 

भूखमरी और कुपोषण से होने वाली मौतों को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को केंद्र सरकार के सामुदायिक रसोई पर मॉडल तैयार करने को कहा है तो वंही राज्यों को दो  सप्ताह के भीतर अपने क्षेत्र में कुपोषण व भुखमरी से होने वाली मौतों का आंकड़ा देने के निर्देश दिए हैं चीफ जस्टिस एनवी रमन्ना, जस्टिस एस बोपन्ना और जस्टिस हिमा कोहली की पीठ ने भुखमरी और कुपोषण से संबंधित याचिका पर सुनवाई के दौरान कहा "राजनीतिक पार्टियां चुनाव में कई चीजें मुफ्त बांटने की घोषणा करती है, पर मजदूरों की भूख शांत करने पर ध्यान नहीं देती है...!"

विदित हो कि भारत में भूखमरी से मरने वाले लोगों की आंकड़ा दयनीय है, तो वहीं भारत गरीबी के मानदंडों में कई छोटे छोटे देशों के मुकाबले काफी पीछे है। ऐसे में सुप्रीम कोर्ट की यह टिप्पणी काबिले तारीफ है। हालांकि इससे पहले कई बार और इस तरह की टिप्पणी माननीय सर्वोच्च न्यायालय और उच्चतम न्यायालयो के द्वारा कहा जाता रहा है, लेकिन; हकिकत के धरातल पर जो मंजर देखने को मिलता है वह किसी से छूपी नही है, जिसकी बानगी हमें छत्तीसगढ़ के बालोद जिला अंतर्गत गुरूर विकासखंड क्षेत्र के ग्राम पंचायत कोचेरा में भी बीते दिन में देखने को मिला जहां पर ग्रामीण उपभोक्ताओं को आबांटित होने वाली राशन दुकान से घटीया किस्म की अनाज बांटी गई है। 

ग्रामीणों ने बताया कि आंबटित अनाज की किस्म ठीक नहीं है; जिसके बाद भी प्रदेश सरकार लोगों को आबंटित कर रही है घटीया अनाज मामले में जब राशन दुकान संचालक से घटिया किस्म की अनाज आबंटन को लेकर सवाल पुछा गया तो उन्होंने बताया कि - "यह चांवल प्रोटिन मिक्स है और यह चांवल स्कूली बच्चों के मध्यान भोजन हेतू आबंटन किया जाना था।" 

लेकिन मामले से संबंधित या मध्यान्ह भोजन में मिक्स प्रोटिन चांवल को लेकर विकासखंड शिक्षा अधिकारी बी०आर० नागवंशी से जानकारी चाही गई तो उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि, "मुझे इस संबंध में कोई जानकारी नही है।"

*अमित मंडावी, पत्रकार।
राशन दुकान में आंबटन संबंधित चांवल किरी राइस मिल कुलिया से राशन दुकान  में शासन के द्वारा पहुंचाई गई है।