land mafia : जिला के कृषि योग्य भूमि व सरकारी जमीन पर भू-माफियाओं की तिरछी नजर !

बालोद। छत्तीसगढ़ राज्य जहाँ की सरजमीं पर छतिसगढ़ीहा लोगों की जमीन दिनों दिन कम होती जा रही है तो वहीं गैर छत्तिसगढ़ीहा लोगों की संपत्तियों में तेजी से इजाफा हो रहा है इन संपत्तियों में जमीन, मकान,रूपये आदि हैं। प्रदेश के सभी शहरों के सड़क किनारे की बड़ी - बड़ी बिल्डिंगे ज्यादातर गैर छत्तिसगढ़ीहा लोगों की कृषि योग्य जमीन को फर्जीवाड़ा कर बिल्डिंग ऊपर बिल्डिंग ठोंक रहे हैं। 


भू-माफिया जबकि क्लोनाइजर एक्ट और रेरा कानून के तहत यह पूर्ण रूप से गैर कानूनी है लेकिन प्रदेश में नियम कानून को ताक में रखकर शासन और प्रशासन की नाक के नीचे से बिल्डिंग बनाना यह कोई नई बात है बहरहाल यह नजारा बालोद जिला में देखने को मिल रहा है जहाँ पर जिला मुख्यालय सहित जिला के गुरूर विकासखंड व तहसील क्षेत्र में भी देखने को मिल रहा है जहाँ बालोद निवासी फलाना जैन ने नगर पंचायत गुरूर से बालोद रोड़ पर स्थित खसरा नंबर 135/1 रकबा 0.29,एवं खसरा 135/4 रकबा 0.89 कृषि भूमि को अवैध तरीके से प्लाटिंग करने के नियत से रातों रातों कार्य करवाया जा रहा है।

अमित मंडावी, पत्रकार 

उक्त भूमि माफिया ने अवैध कार्य करने के दौरान सरकारी जमीन को भी गैर कानूनी तरीके से कब्जा करने का प्रयास किया है , जिसके चलते खेतों से बहकर नाला तक पहुंचने वाली पानी का बहाव रूक गया है जिसके चलते उक्त जमीन से लगी हुई अन्य किसानों के खेतों में पानी भर गया है जिसके चलते किसानों को नुकसान उठाना पड़ सकता है बहरहाल मामले में शासन और प्रशासन की चुप्पी बरकरार है ,तो वंही इस तरह से अवैध कार्य करने वाले लोगों की हौसला बुलंद हैं।