किसान ने कोचीया को बेंचा धान, ऋण पुस्तिका के लिए आरोपी बैंक कर्मचारी ने रची नई चाल

किसान के आवेदन पर गंभीर नहीं जिला प्रशासन, 



बालोद। किसान हितैषी मुखिया के राज में किसान बना लाचार। विगत दिनों हाईवे क्राइम टाईम ने प्रमुखता के साथ ग्राम कोर्गुड़ा के किसान यशवंत ठाकुर की कर्ज के बदले लुट की खबर प्रकाशित की थी। किसान यशवंत ठाकुर के ऋण पुस्तिका को भारतीय स्टेट बैंक कर्मचारी ओंकार गिरी सिक्योरिटी गार्ड और कस्मुदिन जरदार नामक दो व्यक्तियों ने लोन के बदले अपने खुद के पैसों को कमीशन एजेंट के माध्यम से किसान यशवंत ठाकुर को दिया, जिसके बदले में किसान से कोरी स्टांप में हत्राक्षर के साथ ऋण पुस्तिका को गिरवी रख लिया।


किसान को जब अपनी पांच एकड़ जमीन की ऋण पुस्तिका की धान खरीदी हेतु जरूरत पड़ी तो वह ओंकार गिरी सिक्योरिटी गार्ड और कस्मुदिन जरदार उर्फ गोरे बाबू के पास गया तो वह पचास हजार रुपए लेकर आवो और अपना ऋण पुस्तिका ले जावो यह कहते हुए किसान को खाली हाथ लौटा दिया। किसान हताश परेशान अपनी परेशानी बताने के लिए क्षेत्र के पत्रकार के पास गया जिसके बाद में बालोद थाना पहुंच कर मामले में आरोपीयों के विरुद्ध शिकायत दर्ज कराई,साथ ही मामले में जिला कलेक्टर से मिलकर किसान ने अपनी परेशानी बताई जिसके बाद भी किसान की तमाम समस्याए धरी की धरी रह गई। अतंत किसान ने अपनी ऋण पुस्तिका को गिरवी से छुड़ाने के लिए अपनी मेहनत से उगाई हुई धान को स्थानीय कोचीया के पास बेंच दिया।

विनोद नेताम
संवाददाता 
सुत्रो से मिली जानकारी के अनुसार भारतीय स्टैंड बैंक के सुरक्षा गार्ड और कस्मुदिन जरदार उर्फ गोरे बाबू के साथ कमीशन एजेंट रामेश्वर श्रीवास्तव, उत्तम पांडे ने मामले में उन पर किसी भी प्रकार के कानूनी कार्रवाई से बचने के लिए किसान को बरगलाने में लगे हुए हैं किसान के ऊपर दबाव बनाया गया है, जिसके चलते आज किसान अपनी जमीन की ऋण पुस्तिका को गिरवी से झुड़ाने के लिए पचास हजार की राशी भारतीय स्टैंड बैंक शाखा बालोद के सुरक्षा कर्मी व चपरासी को देने के लिए तैयार हो गया है। 

मामले में आरोपीयों के ऊपर कोई एफ आई आर नहीं जबकि मामला ठगी, आर्थिक अपराध के साथ किसान की ऋण पुस्तिका जैसे सरकारी दस्तावेज को गिरवी रख कर कोरे स्टांप पेपर में किसान को हस्त्राक्षर करना शामिल है।