किसान, छात्र और संस्कृति कर्मी पहुचे दिल्ली के गाजीपुर बार्डर...

क्या बिल्ली दूध की सुरक्षा करेगी : तेजराम विद्रोही।

कॉरपोरेट परस्त व किसान, कृषि आम उपभोक्ता विरोधी कानून को रद्द करने और न्यूनतम समर्थन मूल्य गारण्टी कानून लागू करने की मांग को लेकर दिल्ली के सीमाओं पर जारी किसान आंदोलन के 49वें दिन गाजीपुर बार्डर के धरना सभा  में छत्तीसगढ़ के किसान, छात्र और संस्कृति कर्मियों ने आंदोलन के साथ अपनी एकजुटता कायम की है। गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ से किसानों का एक जत्था दिल्ली पहुंचे हुए हैं जो लगातार धरना सभा मे अपनी उपस्थिति देकर आंदोलन के साथ एकजुटता कायम कर रहे हैं। 


तुहीन देव के नेतृत्व में क्रांतिकारी सांस्कृतिक मंच औरअखिल भारतीय क्रांतिकारी विद्यार्थी संगठन के सदस्यों प्रमोद कुमार, मदन भारती, उर्मिला, निरंजन, टिकेश कुमार, शिशु रंजन ने क्रांतिकारी गीत " आज़ादी है भोर की लाली आजादी" प्रस्तुत किये। 

गाजीपुर बार्डर में धरना सभा को संबोधित करते हुए अखिल भारतीय क्रांतिकारी किसान सभा के सचिव तथा छत्तीसगढ़ किसान मजदूर महासंघ के संचालक मंडल सदस्य तेजराम विद्रोही ने कहा कि आज जो किसान सड़क पर बैठकर कड़कड़ाती ठंड में आंदोलन करने जो मजबूर है उसके लिए मुख्य रूप से केन्द्र की मोदी सरकार है। जिन्होंने कथित कृषि सुधार का अध्यादेश लाया था जिसका देश के किसान संगठनों ने विरोध किया और उन्होंने इस विरोध को महज विपक्षी पार्टियों का विरोध कहकर हल्के में लिया जो कि आज यह केवल किसानों का ही नहीं बल्कि आम उपभोक्ताओं का भी आंदोलन बन चुकी है। मोदी सरकार इस आंदोलन को न्यायालय के हस्तक्षेप से कमजोर कर दबाना चाहते हैं।  उन्होंने कमेटी में शामिल व्यक्तियों द्वारा आंदोलन के कृषि कानून के संबंध में किये गए पूर्व के टिप्पणियों को दोहराते हुए कहा कि आज ऐसा समय आ गया है जो दूध की रखवाली बिल्ली को सौंपी जा रही है जो क्या संभव है।


बता दें कि 26 जनवरी की कार्यक्रम में किसानों द्वारा शांतिपूर्ण ढंग से ट्रैक्टर परेड की तैयारियां जोरों से जारी है जिसमें शामिल होने छत्तीसगढ़ से और भी सदस्य पहुंच रहे हैं।