युक्तियुक्तिकरण विसंगतियों के विरोध में छत्तीसगढ़ के शिक्षक हड़ताल की ओर - PRACHAND CHHATTISGARH

Friday, December 5, 2025

युक्तियुक्तिकरण विसंगतियों के विरोध में छत्तीसगढ़ के शिक्षक हड़ताल की ओर


 *06 दिसंबर 2025 से प्रदेशव्यापी अनिश्चितकालीन हड़ताल — युक्तियुक्तिकरण विसंगतियों के विरोध में छत्तीसगढ़ के शिक्षक हड़ताल को बाध्य* 


(युक्तियुक्तीकरण प्रताड़ित समुह, छत्तीसगढ़)


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प्रदेश के अनेक शिक्षक युक्तियुक्तीकरण प्रक्रिया में हुई गंभीर अनियमितताओं, वरिष्ठता उल्लंघन, नियम विरुद्ध अतिशेष घोषणा, न्यायालयीन निर्देशों की अवहेलना और 5–6 माह से वेतन रोके जाने जैसी अवैधानिक कार्यवाहियों से अत्यंत पीड़ा झेल रहे हैं।


शासन के अनुरोध पर 24 नवंबर 2025 से प्रस्तावित अनिश्चितकालीन हड़ताल को स्थगित किया गया था, परंतु विभाग द्वारा समस्याओं के समाधान हेतु कोई कदम न उठाए जाने तथा किसी भी स्तर पर संवाद न किए जाने के कारण अब शिक्षक समुदाय 06 दिसंबर 2025, दिन शनिवार से अनिश्चितकालीन हड़ताल के लिए बाध्य हो रहा है।


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प्रमुख समस्याएँ एवं वास्तविक तथ्य :


1️⃣ वरिष्ठता निर्धारण में गंभीर त्रुटियाँ


कनिष्ठ शिक्षकों को वरीयता देकर वरिष्ठ शिक्षकों को अनुचित रूप से “अतिशेष” घोषित किया गया। वरिष्ठता सूची में हेरफेर कर नियम व न्याय दोनों का उल्लंघन किया गया।


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2️⃣ विषयवार पदस्थापना के विरुद्ध जाकर जानबूझकर अतिशेष बनाना


उन विद्यालयों में जहाँ पहले से विषयवार शिक्षक उपलब्ध थे, वहाँ नए पदस्थापना कर वरिष्ठ शिक्षकों को अतिशेष घोषित किया गया। यह विभागीय कूट-रचना का हिस्सा प्रतीत होता है।


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3️⃣ वास्तविक रिक्त पदों को छिपाकर गलत पदांकन दर्शाना


बहुत से विद्यालयों में वास्तविक रिक्तियों को युक्तियुक्तीकरण काउंसलिंग में प्रदर्शित नहीं किया गया।

दूसरी ओर, कम आवश्यकता वाले विद्यालयों में अधिक संख्या में पदांकन दिखाकर युक्तियुक्तीकरण को प्रभावित किया गया।


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4️⃣ न्यायालयीन निर्देशों के बावजूद 5–6 महीनों से वेतन रोका जाना


न्यायालय में प्रकरण लंबित होने तथा “यथा स्थिति बनाए रखने” के निर्देशों के बावजूद शिक्षकों को मूल शाला में कार्यभार ग्रहण नहीं करने दिया गया।

इसके साथ ही—

✔ 5–6 महीनों से वेतन पूरी तरह रोका गया,

✔ जिससे शिक्षक-परिवार आर्थिक संकट में आ गए हैं,

✔ जो पूर्णतः अवैधानिक एवं अमानवीय है।


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5️⃣ अभ्यावेदन एवं सुनवाई प्रक्रिया की उपेक्षा — चार स्तरीय समिति तक अनियमितता


प्रदेशभर के शिक्षकों के अभ्यावेदन को—


1. जिला स्तरीय युक्तियुक्तिकरण निराकरण समिति,


2. संभाग स्तरीय समिति,


3. लोक शिक्षण संचालनालय स्तरीय समिति,


4. संयुक्त सचिव (शाला शिक्षा विभाग) स्तरीय समिति


— में सुनवाई देने से मना किया गया या अभ्यावेदन लेने से ही इनकार कर दिया गया।

कुछ मामलों में अभ्यावेदन लेकर भी परीक्षण नहीं किया गया, जो प्रक्रिया की पारदर्शिता के विरुद्ध है।


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6️⃣ पति-पत्नी स्थानांतरण नीति का उल्लंघन


एक स्थान पर पदस्थ पति-पत्नी को पुनः अलग-अलग जिलों में भेजा गया, जबकि सामान्य प्रशासन विभाग के आदेश के अनुसार पूरे सेवा काल में केवल एक बार पति-पत्नी स्थानांतर का प्रावधान है।


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7️⃣ गंभीर बीमारी एवं विशेष परिस्थितियों की अनदेखी


गंभीर बीमारी से पीड़ित शिक्षकों को कोई राहत नहीं दी गई, जबकि पूर्व से प्रभावी नियमों में ऐसी सुविधा उपलब्ध है।


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8️⃣ 2008 सेटअप का उल्लंघन कर मनमानी अतिशेष घोषणा


विधानसभा में स्वीकार किया गया कि 2008 का सेटअप यथावत है।

फिर भी कई जिलों में शिक्षकों को सेटअप के विपरीत अतिशेष घोषित कर दूरस्थ क्षेत्रों में भेजा जा रहा है।


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9️⃣ शिक्षा की गुणवत्ता पर प्रतिकूल प्रभाव


एक विषय के 3–4 शिक्षक और दूसरे विषय के एक भी शिक्षक न होने जैसी असमान तैनाती से—


✔ शिक्षा की गुणवत्ता गिरी है,

✔ विद्यार्थियों का अध्ययन प्रभावित हुआ है,

✔ शिक्षक-शिक्षण व्यवस्था पूरी तरह असंतुलित हो गई है।


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पूर्व की कार्रवाई और वर्तमान निर्णय


दिनांक 14 नवंबर 2025 को तुता, रायपुर में युक्तियुक्तीकरण पीड़ित शिक्षकों द्वारा एक दिवसीय शांतिपूर्ण धरना दिया गया था।

तत्पश्चात 24 नवंबर 2025 से अनिश्चितकालीन हड़ताल का निर्णय लिया गया, जिसे शासन की अपील पर स्थगित कर दिया गया।


परंतु—

◼ कोई समाधान नहीं,

◼ कोई आदेश नहीं,

◼ अभ्यावेदनों पर कोई सुनवाई नहीं,

◼ न ही विसंगतियों को सुधारने का प्रयास।


इन परिस्थितियों में शिक्षक वर्ग के पास अब संघर्ष के अतिरिक्त कोई विकल्प नहीं बचता।


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अंतिम निर्णय — हड़ताल की घोषणा


छत्तीसगढ़ के शिक्षक 06 दिसंबर 2025, दिन शनिवार से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर रहेंगे।


यह आंदोलन—

✔ पूर्णतः शांतिपूर्ण,

✔ लोकतांत्रिक,

✔ और संवैधानिक दायरे में होगा।


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प्रमुख माँगे


1. युक्तियुक्तिकरण में हुई त्रुटियों व मनमानी की उच्च स्तरीय जांच।


2. वरिष्ठता एवं विषयवार आवश्यकता के अनुसार पुनर्पदस्थापना।


3. सभी रिक्त पदों को प्रदर्शित कर पुनः काउंसलिंग कराई जाए।


4. बीते 5–6 महीनों से रोका गया वेतन तत्काल जारी किया जाए।


5. पति-पत्नी स्थानांतरण नीति का शत-प्रतिशत पालन किया जाए।


6. 2008 सेटअप के अनुरूप ही अतिशेष चिन्हांकन किया जाए।


7. सभी अभ्यावेदन पर नियमित, पारदर्शी एवं समयबद्ध सुनवाई सुनिश्चित की जाए।


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संघ का संदेश


> “हमारा उद्देश्य संघर्ष नहीं—न्याय है।

हम शिक्षा व्यवस्था की गरिमा बनाए रखना चाहते हैं,

लेकिन अन्याय और मनमानी को स्वीकार नहीं करेंगे।”


*युक्तिकरण से बैर नहीं* 

            

          *अफसरशाही की खैर नहीं*

                   *हार नही मानूंगा* 

                      रार नही ठानूंगा:- अटल बिहारी वाजपेयी *

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