गरियाबंद । कार में वन्यप्राणी की खाल की अवैध तस्करी की सूचना पर वन विभाग गरियाबंद द्वारा वन अपराध के तहत मामला दर्ज किए जाने की जानकारी मिली है। वन मंडलाधिकारी, गरियाबंद वनमंडल की ओर से जारी विज्ञप्ति के अनुसार, शुक्रवार दिनांक 22 नवम्बर को सुबह लगभग 08 : 45 पर उन्हें सूचना प्राप्त हुई कि एक मारूती सुजकी बेलेनो वाहन क्रमांक सी.जी. 13 एम-7333 में वन्यप्राणी की खाल अवैध तस्करी कर गरियाबंद से रायपुर की ओर जा रही है।
वन्यप्राणी के खाल की अवैध तस्करी की सूचना प्राप्त होते ही वनमंडलाधिकारी एवं उप वनमंडलाधिकारी गरियाबंद के निर्देश में तत्काल सभी मार्गों पर वन परिक्षेत्र अधिकारी वन कर्मचारियों एवं साथ मे सहयोगी पुलिसकर्मियों द्वारा नाकाबंदी कर दी गई।
नाकाबंदी के दौरान वनोपज जांच नाका बारूका में उक्त वाहन को रोक कर जांच पड़ताल की गई। जांच में वाहन क्रमांक सी.जी. 13 एम-7333 में से एक नग चीतल की खाल बरामद की गई। जिसके पश्चात् वाहन एवं वाहन मालिक मयूर वखारिया एवं स्वाति वखारिया, गरियाबंद को कोतवाली थाना गरियाबंद लाकर विस्तृत जांच पड़ताल किया गया एवं अपराधियों के विरूद्ध भारतीय वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम 1972 की धारा 09, 39, 44, 48 (A), 50, 51, 52 एवं भारतीय वन अधिनियम 1927 की धारा 33 (1) (ज) के अंतर्गत अपराध पजीबद्ध कर माननीय मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट गरियाबंद के समक्ष प्रस्तुत किया गया।
आश्चर्य कि इसी दिन छत्तीसगढ़-ओडिशा सीमा (उदंती सीतानदी टाइगर रिज़र्व के इको सेंसिटिव जोन से लगा हुआ क्षेत्र) में तस्करी की सूचना के आधार पर नबरंगपुर वनमंडल के वाइल्डलाइफ स्क्वाड, उदंती-सीतानदी की एन्टी पोचिंग टीम एवं डी. आर. आई का ओडिशा में संयुक्त ऑपरेशन में उमरकोट परिक्षेत्र के करका सेक्शन के उदयपुर हाथिबेना मार्ग पर तेंदुआ की खाल के साथ चमरा गोंड पिता रघु, खेदुराम पिता कुमार हरिजन, मंगलदास पिता लोकनाथ हरिजन को मौके से पकड़ा गया।
प्रारंभिक पूछताछ में आरोपियों ने तेंदुआ खाल को 1 वर्ष पूर्व का बताया एवं अन्य आरोपियों के भी शामिल होने की बात बताई । तेंदुआ खाल की सर से पूँछ तक की कुल लम्बाई 195 सेंटीमीटर थी एवं प्रथम दृष्टया जहर देकर शिकार करना पाया गया। आरोपियों से 01 नग मोटर सायकल, 03 नग मोबाईल भी जप्त किये गये। तीनों आरोपियों को पकड़कर विस्तृत पूछताछ के लिए रायघर परिक्षेत्र कार्यालय (जिला नबरंगपुर) लाया गया एवं प्रकरण क्रमांक 131 of 2024-25 दर्ज किया गया। प्रकरण में फरार छत्तीसगढ़-ओडिशा बॉर्डर पर सक्रीय अन्य तस्करों/ आरोपियों एवं वन्यप्राणी अवयवो की तलाश जारी है।