आसपास के लोग देखने के लिए हो रहे आतुर।
गुरुर :- छत्तीसगढ़ में सदियों से एक परंपरा चल रही है गौसेवा का कार्य लोगो का मानना है कि गाय की सेवा करने से पुण्य की प्राप्ति और धन वैभव लक्ष्मी की प्राप्ति होती है, छत्तीसगढ़ के ग्रामीण अंचलों के साथ वनांचल क्षेत्रो में भी पशुपालन का कार्य किया जाता है।
गाय को आस्था के रुप ने भी पूजा जाता है। छत्तीसगढ़ की पारंपरिक त्यौहार गोवर्धन पूजा के दिन किसान और पशुपालक अपने गाय, बैल, भैंसों को सुबह नहलाकर उसकी पूजा अर्चना कर जंगल से लाया हुआ जड़ी बूटी और खिचड़ी खिलाया जाता है। ततपश्चात गोबर का गोवर्धन बना कर उसके पैरों से गोबर को लतेला जाता है। फिर उस गोबर की माथे पर तिलक लगा कर सुख शांति भाईचारे की बधाई देते है, मनोकामना पूरा होने के लिए मन मे आस्था रखते है।
ऐसे ही दिलचस्प घटना आज ग्राम रमतरा में देखने को मिला गाँव मे जँहा पर साहू डेयरी फार्म में भैंस ने दो बच्चे को एक साथ जन्म दिया है।
यह बालोद जिला के गुरुर ब्लॉक में पहली बार ये देखने को मिला जो ग्राम रमतरा और आस पास के लिए अजूबा से कम नहीं है, लोग दूर दूर से देखने के लिए यहां पहुंच रहे है ,पशु विभाग गुरुर को जानकारी साहू डेयरी फार्म के डारेक्टर श्री भगवान सिंह ने जानकारी दिया ,साथ ही हमने खंड पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ बी.के. विश्वकर्मा से चर्चानुसार बताये हुए बातों को ध्यान में रखते हुए। उनके द्वारा कृत्रिम गर्भाधान किया गया था। विश्वकर्मा जी के मार्गदर्शन एवं टीम के द्वारा भैंस का प्रसव सफल और सुरक्षित तरीके से किया गया।भैंस और दोनों बच्चे तंदुरुस्त और स्वस्थ है।
गुरुर खंड पशु चिकित्सा अधिकारी
डा. बी. के. विश्वकर्मा ने बताया कि यह मेरे 25 वर्ष के सर्विस में पहली बार हुआ है। इस तरह की मेरे जीवन मे पहला केस है। और आज मैं बहुत खुश हूं कि इस तरह का मुझे सेवा करने का सौभाग्य मिला है और आगे भी मैं निरन्तर सेवा करता रहूंगा।
अमीत मंडावी संवाददाता |