गुरुर : छत्तीसगढ़ में सबसे ज्यादा फसल धान की लगाई जाती है। इसीलिए छत्तीसगढ़ को धान का कटोरा के नाम से जाना जाता है, गांव के हर वर्ग के लोग खेती किसानी से जुड़ा हुआ है। बरसात के मौसम में धान की फसल फिर गर्मी के दिनों में भी रबी फसल अरहर, चना, मूंग, तिवरा आदि ऐसे कई फसले किसानों के द्वारा उगाई जाती है।
जिस तरह से मनुष्य के शरीर में रोग पैदा होते है,और ईलाज के लिए डॉक्टर के पास जाते है, शरीर की बीमारी को रोकथाम के लिए दवाई और शिरप एवम अन्य सलाह दिया जाता है। जिससे धीर से शरीर स्वस्थ हो जाता है। ठीक उसी प्रकार फसलों को बीमारी के प्रकोप से बचाने के लिए कृषि दुकान से कीटनाशक और खाद खरीदना पड़ता है। ताकि समय रहते फसलों को बीमारी से बचाया जा सके और नियंत्रण कर फसलों की गुणवत्ता में सुधार कर सके और किसान अधिक से अधिक फसलों से लाभ ले सके।
आपको बता दे की गुरुर से लगा बोहरडीह में केंद्र सरकार द्वारा योजनान्तर्गत कृषि विकास एवं किसान कल्याण मंत्रालय 10000 FPO(किसान उत्पादक समूह) जो नेशनल एग्रीकल्चर कोऑपरेटिव मार्केटिंग फेडरेशन ऑफ़ इंडिया लिमिटेड (नाफेड) के सहयोग से पंजीयन हुआ है जिसमे किसानों को फसल उत्पादन से संबधित सभी समस्यायों का उचित समाधान किसानों को प्राप्त हो रहा है, गुरुर क्षेत्र अंतर्गत के किसान इस FPO (किसान उत्पादक समूह) में समाधान प्राप्त करने के साथ-साथ इसमें सदस्यता भी ले रहे हैं जिससे किसानों को सभी खरीदी पर सब्सिडी भी दिया जा रहा है।
किसानों को कृषि संबंधित खेती की नई नई तकनीक का भी प्रशिक्षण प्रदान के साथ उत्पादन के पश्चात फसल का सही मार्केटिंग उपलब्ध कराकर फसल का उचित मूल्य प्रदान करने की दिशा में कार्य करना एवम महिला संगठन को नि:शुल्क आजीविका प्रशिक्षण प्रदान कर सशक्तिकरण को बढ़ावा देने का एवं आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में कार्य कर रहे है साथ ही समय-समय पर किसानों को ग्रामीण इलाकों में कृषि सम्बन्धित प्रशिक्षण प्रदान कर रहे हैं।
इसका एक ही उद्देश्य है, भारत के किसानों को सुदृढ़ और सक्षम बनाने के साथ समृद्ध और सम्पन्नता की ओर निरन्तर अग्रसर हो सके।
संपर्क मोबाईल नंबर : 9770133610, 9753388556, 8839185087
![]() |
अमीत मंडावी |
No comments:
Post a Comment