रोजगार सहायक की दादागिरी से हलाकान हो रहे है, मनरेगा मजदूर

 

अमित मंडावी 

गुरुर :- गरीबी को जड़ से खतम करने सरकार की महत्वाकांक्षी योजना मनरेगा कार्यक्रम के तहत लोगो को 100 दिन का रोजगार उपलब्ध करा कर आर्थिक विकास की पटरी को सुधार करना सरकार की बहुत बढ़िया योजना प्रारंभ किया है। इस योजना को जमीनी स्तर पर सुचारू ढंग से क्रियान्वयन किया जा रहा है। काम के साथ साथ लोगो की सेहत का भी ख्याल रखना ईलाज की उत्तम सुविधा मुहैय्या हेतु बेहतरीन इंतजाम किया गया है। अब ऐसे में यह सवाल उठता है कि आखिरकार सब चीज की भरपाई के लिए सरकार पाई पाई का पैसा पानी की तरह बहा तो रही है, लेकिन विडम्बना यह है कि ग्राम पंचायत में  पदस्थ रोजगार सहायक सभी नियमो को मटियामेट कर उड़ा रहे हैं धज्जियां।

जितना काम उतना दाम यही है, मनरेगा मजदूरों की मांग। ग्राम पंचायत भूलनडबरी में लगभग दो सप्ताह से नहर में रोजगार गारंटी का कार्य शुरू हुआ है। तब से अभी तक रोजगार सहायक की उपस्थिति कभी कभार ही रहा है। आज तड़के सुबह काम करते एक महिला बेसुध होकर नीचे जमीन पर गिर गई। जिसके चलते सर पर मामूली चोट आ गई ।

अचानक आनन फानन में कुछ महिलाएं ऊठाकर नजदीकी आंगनबाड़ी में ले गई जहां पर कार्यकर्ता ने मेडिकल किट के सहारे प्राथमिकी उपचार भी किया। फिर भी ठीक नही होने पर ग्रामीणों ने 108 को तत्काल सूचना देकर घायल हुई महिला को गुरुर उपस्वास्थ्य केंद्र में भर्ती करवाया। इस घटना की पूरी जानकारी होने के बाद भी जनप्रतिनिधियों का नही आना और खामोश रहना मनरेगा मजदूरों में काफी आक्रोश की स्थिति पैदा हो गयी थी। ठंड रहे या गर्मी साल में 100 दिन का रोजगार देना सरकार एक मापदंड तय किया है, साथ ही जहाँ पर काम चल रहा है वहाँ पर प्राथमिकी ईलाज के लिए मेडिकल किट, पानी, ग्लूकोस और काम करने के बाद धूप से बचने के लिए पंडाल का उचित व्यवस्था भी करना यह भी उस नियम में उल्लेख है। उसके बावजूद भी इस तरह से घोर लापरवाही करने वाले रोजगार सहायक घर मे खर्राटे भर रहे है। और जनप्रतिनिधी हाथ पर हाथ धरे हुए बैठे है। मीडिया को यह भी जानकारी दिया गया कि काम हम लोग भूलनडबरी में करते है और फोटो खिंचवाने 2 किलोमीटर ग्राम कोचेरा के तालाब के पास रोज सुबह और दोपहर को काम के पहले और काम पूरा होने के बाद फोटो खिंचवाने 10 व्यक्ति रोजाना जाते है।स्वयं की मनमानी के चलते किसी दिन किसी मजदूर की जान भी जा सकती है, क्योकि रोजाना 2 किलोमीटर पक्की सड़क से पैदल नापते हुए ग्राम भूलनडबरी से कोचेरा पहुँचना और फिर वापस आना आये दिन रोजाना सड़क हादसे के कारण कई परिवार वालो का सर से साया उठ चुका है। खुदा न खास्ता कोई घटना इत्तफाक से घट गया तो जिम्मेदार कौन रहेगा।  रोजगार सहायक अपने पद की गरिमा बनाये रखने हेतु बकायदा दो लड़के को पूरे काम की जिम्मेदारी दे रखा है। जिसका मेहताना रोजगार गारंटी के तहत मस्ट्रोल में हाजिरी चढ़ा कर पेमेंट दिया जाएगा।

पूरी जानकारी हमे ग्रामीण और काम करने वाले लोगो ने बताया। ऐसे गैर जिम्मेदार रोजगार सहायक के खिलाफ गुरुर जनपद में पदस्थ सम्बंधित अधिकारी क्या कार्यवाही करते है। अगले अंक में पूरी विस्तृत जानकारी आप तक पहुचाएंगे।