योगेंद्र प्रताप सिंह
कोरिया 26 दिसम्बर 2023/ जोर से चिल्लाना, तेज आवाज में बात करना, गुस्सा से आंख लाल करना यह वीरों की पहचान नहीं है बल्कि वीर तो अनुशासित होते हैं, शालीनता से ओतप्रोत होते हैं, वे बेहद विनम्र होते हैं। यह बात आज कलेक्ट्रेट परिसर में आयोजित वीर बाल दिवस के अवसर पर मुख्य कार्यपालन अधिकारी व प्रभारी कलेक्टर डॉ. आशुतोष चतुर्वेदी ने बच्चों से साझा की। डॉ. चतुर्वेदी ने कहा कि हर इंसान वीर होते हैं, उन्हें अवसर की दरकार होते हैं और जो अवसर पर में आपने आपको साबित करें वहीं वीर कहलाते हैं। डॉ. चतुर्वेदी ने कहा लम्बे, चौड़े कद वाले व्यक्ति ही वीर नहीं होते बल्कि एक मासूम भी वीर होते हैं, क्योंकि वे अपने सूझबूझ से किसी की जिन्दगी बचा देते हैं, वे कोई शारीरिक ताकतवार नहीं होते लेकिन उनके वीरता दिलों में वास करते हैं।
तेरी मिट्टी में मिल जावां- स्वामी आत्मानंद हिन्दी माध्यम के बच्चों ने ‘तलवारों पे सिर वार दिए..अंगारों में जिस्म जलाया है.. तब जाके कहीं हमने सर पे ये केसरी रंग सजाया है... तेरी मिट्टी में मिल जावां..गुल बनके मैं खिल जावां... भावपूर्ण गीत गाकर स्वामी आत्मानंद स्कूल के इन बच्चों ने मंच को देशभक्ति से ओतप्रोत किया।
30 बच्चों को मिला पुरस्कार-वीर बाल दिवस के अवसर पर चित्रकला, कविता, निबंध, गायन, पठन का आयोजन किया गया था। शासकीय नवीन कन्या महाविद्यलाय, बैकुण्ठपुर तथा स्वामी आत्मानंद शासकीय उत्कृष्ट हिंदी माध्यम विद्यालय, खरवत के छात्र-छात्राओं को डॉ. चतुर्वेदी ने प्रथम, दिव्तीय व तृतीय स्थान प्राप्त करने वाले छात्र-छात्राओं को पुरस्कार राशि देकर सम्मानित किया गया। बी.कॉम द्वितीय की छात्रा कुमारी पूनम एवं कक्षा ग्यारहवीं की कुमारी रेशमी राजवाड़े ने चित्रकला में प्रथम स्थान प्राप्त की, बी.ए. द्वितीय की छात्रा तनिषा तिवारी एवं बारहवीं की छात्रा कुमारी प्रियांजलि राजवाड़े, कविता पाठ में प्रथम स्थान दर्ज की, बीएससी प्रथम की छात्रा रविकला कुजूर एवं ग्यारहवीं की छात्रा कुमारी मोनिका रजवाड़े ने निबंध प्रतियोगिता में प्रथम स्थान रही, गायन में बीएससी प्रथमवर्ष की छात्रा कुमारी सोनिया रानी एवं बारहवीं के छात्र श्री प्रभुराम ने प्रथम स्थान प्राप्त किया तथा पठन विषय पर बी.ए. प्रथम की छात्रा रीता व ग्यारवहीं की छात्रा आकांक्षा राजवाड़े ने अव्वल स्थान रहीं।
डॉ. चतुर्वेदी ने बच्चों से कहा कि लक्ष्य तय करें और खूब मेहनत करें। उन्होंने वीर बाल दिवस मनाने के पीछे महत्वपूर्ण जानकारी साझा की। साहिबजादे जोरावर सिंह (9) और फतेह सिंह सिख धर्म के सबसे सम्मानित शहीदों में से हैं। मुगल सैनिकों द्वारा आनंदपुर साहिब को घेर लिया गया था। इस घटना में गुरु गोबिंद सिंह के दो पुत्रों को पकड़ लिया गया और उन्हें मौत की सज़ा दी गई तथा उन्हें जिंदा ईंटों की दीवार में चुनवा दिया गया। डॉ. चतुर्वेदी ने बच्चों से कहा कि विनम्रता, अनुशासन, शालीनता ही वीरों की पहचान है। इसलिए आप वीर हैं और सदैव ही अनुशासन रहते हुए शालीनता के साथ विनम्र व्यवहार की पंूजी को बना कर रखें।
आयोजन के अवसर पर एसडीएम सोनहत राकेश कुमार साहू, महिला एवं बाल विकास विभाग के परियोजना अधिकारी रमेश कुमार साहू, बाल सरंक्षण अधिकारी पंकज वर्मा, महिला संरक्षण अधिकारी वित्तबाला श्रीवास्तव, बाल कल्याण अधिकारी सुनील शर्मा, अधीक्षक चन्द्रेश सिसोदिया सहित प्राचार्य, व्याख्याता एवं अधिकारी- कर्मचारी, छात्र-छात्राएं बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।