- भाजपा कार्यालय में छत्तीसगढ़ की संस्कृति व्यंजन का दिखना छत्तीसगढ़ियों की जीत
प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि आज भाजपा कार्यालय को छत्तीसगढ़िया संस्कृति से सजाना और छत्तीसगढ़ी व्यंजन की व्यवस्था करना रमन सरकार के दौरान जो छत्तीसगढियों का जो अपमान हुआ था उसको छत्तीसगढ़ की जनता भूली नहीं है। रमन सरकार के दौरान जब अमित शाह छत्तीसगढ़ आते थे तब उनके लिए नाश्ता में फाफड़ा और गुजराती व्यंजनों की व्यवस्था की जाती थी। आज भाजपा कार्यालय में अमित शाह के लिए छत्तीसगढ़ के व्यंजन ठेठरी खुरमी, चिल्ला, फरा सहित छत्तीसगढ़ी व्यंजन की व्यवस्था की जा रही है। अमित शाह भी छत्तीसगढ़ी व्यंजन पकवान खाने मजबूर हुए हैं, यह भूपेश बघेल सरकार के द्वारा छत्तीसगढ़ियावाद को बढ़ाने की गई काम का नतीजा है।
प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की सरकार ने छत्तीसगढ़ महतारी का मान बढ़ाया है, देश में गौरव बढ़ा है। छत्तीसगढ़ की बेटी माता कौशल्या, भांचा श्री राम की सेवा की गई है और छत्तीसगढ़ की कला, संस्कृति, परंपरा, तीज, त्यौहार, खान-पान, रहन-सहन, बोली भाखा को सँवारने का जो काम किया है आज प्रदेश का हर वर्ग इसे खुद को गौरवान्वित महसूस करता है।
प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि 15 साल के रमन भाजपा शासनकाल के दौरान बोरे बासी खाने वाले को छत्तीसगढ़ी में बात करने वाले, गले में गमछा डाल कर भाजपा कार्यालय जाने वालों को हीन भावना से देखा जाता था, उसका तिरस्कार होता था, आज भूपेश बघेल की सरकार में छत्तीसगढ़ से लेकर देश के हर कोने में यहां तक विदेशों में भी छत्तीसगढ़ी बोली भाषा में बात किया जाता है, बोरे बासी खाया जाता है, यहां की संस्कृति, परंपरा, तीज, त्यौहार को मनाया जाता है।
प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की सरकार मुख्यमंत्री निवास में तीजा, पोरा, हरेली, गोवर्धन पूजा, त्यौहार का आयोजन करती है। विश्व आदिवासी दिवस महोत्सव मनाती है। कर्मा जयंती की छुट्टी दी है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल गेड़ी चढ़ते हैं, भंवरा चलाते हैं, रैचुली झूलते हैं, पुन्नी स्नान करते है, छत्तीसगढियाँ ओलंपिक का आयोजन करती है तब यही भाजपा के नेता छत्तीसगढ़ी खेलकूद का मजाक उड़ाते थे। छत्तीसगढ़ महतारी की मूर्ति जब प्रदेश भर में लगाया गया तब भी भाजपा के नेता सवाल उठाते थे और यही भाजपा के प्रभारी कहते हैं कि हम छत्तीसगढ़ियावाद की बात नहीं करेंगे। आज भाजपा को अपने कार्यालय में छत्तीसगढ़ की संस्कृति को उकेरने के लिये मजबूर होना पड़ा।