कांग्रेस सरकार में मनरेगा मजदूरों पर एफआईआर दर्ज, विरोध में मनरेगा मजदूर।

बालोद : संसार भर में एक साथ सामुहिक रूप से चलने वाली सबसे बड़ी रोजगार कार्य जिसे लोग महत्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गारंटी अधिनियम के नाम से भी जानते है। महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार योजना के तहत देश के ग्रामीण अंचल क्षेत्रों में रहने वाले जरूरत मंद लोगो को तक रोजगार पहुंचाना है। भारत सरकार ने इस योजना को ग्रामीण भारत के विकास पर आधारित योजनाओं की पूर्ति हेतू शुरुआत की है। 

मनरेगा अंतर्गत देश के सभी राज्यों के नागरिक जिनके पास इस योजना में कार्य करने हेतू जाब कार्ड है वे सभी इस योजना में कार्य करते हुए भारत सरकार के द्वारा संचालित महत्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गारंटी अधिनियम का लाभ उठा रहे है। योजना की शुरूआती दिनों की कार्य बेहतरीन तरीके से संचालित हुई , लेकिन कुछ सालों बाद इस योजना में लापरवाही और भ्रष्टाचार की बदबू आने की शुरुआत हो गई। जिसके बारे में देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी लोकसभा के सभा पटल पर कांग्रेस पार्टी को जवाब देते हुए कह चुके है।

यह पूर्ण सत्य बात है कि महत्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गारंटी योजना अंतर्गत कार्य एवं फर्जीवाड़ा को लेकर विगत कई सालों से शिकायत आती रहती है, लेकिन इन तमाम शिकायतों पर शासन और प्रशासन ज्यादा सख्त कार्रवाई करने से बचते हुए नजर आते है, हालांकि शिकायतों पर जांच के दौरान शासन और प्रशासन मजदूरों की हितों को ध्यान में ज्यादा रखती है ताकि योजना में कार्य करने हेतू मजदूरों का मनोबल बना रहे। राष्ट्रीय रोजगार गारंटी अधिनियम एक्ट के तहत छत्तीसगढ़ राज्य में अब तक के बेहतरीन कार्य किए जा रहे है। छत्तीसगढ़ सरकार की बहुचर्चित और महत्वाकांक्षी योजना नरवा गरवा घुरवा बाड़ी की निव इसी महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गारंटी योजना की देन है जिसके चलते छत्तीसगढ़  सरकार इन दिनों देश और दुनिया में मशहूर हो रही है। 

बालोद जिला अंतर्गत गुरूर विकासखंड क्षेत्र के ग्राम पंचायत भेजामैदानी में कुछ दिनों पूर्व यंहा के मजदूरों ने मनरेगा योजना अंतर्गत कार्य करने से विकासखंड अधिकारीयो की मौजूदगी में इंकार कर दिया जिसके बाद जिला के डौंडीलोहारा विकासखंड क्षेत्र के ग्राम पंचायत मुड़िया में भी कुछ इसी तरह के विवाद पिछले दिनों सामने आई है। मनरेगा कार्य से जुड़े हुए अधिकारीयो की मानें तो मनरेगा कार्य से जुड़े हुए मजदूरों को जितना पैसा इस योजना अंतर्गत मिल रहा है, उसके हिसाब कार्य से संबंधित  गुणवत्ता मानक तय किए गए हैं उस लायक कार्य कीजिए, लेकिन मजदूर आलसी वाला कार्य कर पैसा पूरा मांग रहे है। 

अमित मंडावी पत्रकार 

ज्ञात हो कि छत्तीसगढ़ सरकार ने विगत दिनों प्रदेश में पंजीकृत मनरेगा मजदूरों को सौगात देते हुए मजदूरी दर में बढ़ोतरी किया है जिसके बाद भी मजदूरों का मनरेगा योजना से संबंधित विषयों को नहीं समझना यह नुकसान दायक साबित हो रहा है। मजदूरों को इस योजना की खासियत को समझने की जरूरत है, साथ ही जिला के जिम्मेदार अधिकारियों को मजदूरों भाईयो को योजना की खासियत के बारे ग्राउंड जीरो में जाकर बताने की आवश्यकता है, ताकि किसी भी तरह के वाद-विवाद से बचा जा सके और जिला में मनरेगा कार्य का लाभ सभी पंजीकृत मजदूर ले सके।