Politics : ममता की छांव से कांग्रेस की दूरी !

बंगाल टाइगर के नाम से मशहूर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी इन दिनों मेराथन मिंटींग कर रही है। फिल्मी स्टार से लेकर राजनीतिक दलों के नेताओं से भी मिल रही है। ममता दीदी की लोगों से इस तरह से मिलेंने की सिलसिला जारी रखना भाजपा सहित कांग्रेस पार्टी व सहयोगी पार्टियों के नेताओं को रास नहीं आ रहा है। 


ज्ञात हो कि, पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में प्रचंड बहुमत हासिल कर ममता बनर्जी सहित टीएमसी इस वक्त सत्ता की नई राह तलाश रही है। वहीं देश की प्रमुख पार्टी मानी जानी वाली कांग्रेस की स्थिति ठीक नहीं है। हालांकि कांग्रेस पार्टी की मौजूदा स्थिति में देश के कई राज्यों में सरकार चल रही है जहाँ की वर्तमान स्थिति जगजाहिर है। पंजाब, राजस्थान, छत्तीसगढ़ में कांग्रेस पार्टी दो फाड़ की स्तिथी में कांग्रेस पार्टी के बड़े नेताओं के द्वारा आये दिन पार्टी में बदलाव संबंधित विवाद के चलते बड़े नेताओं की दूरी को खत्म करने में अब तक नाकाम हालांकि उतर प्रदेश विधानसभा चुनाव में फिलहाल प्रियंका गांधी की कार्य सराहनीय रही है। 

भारतीय जनता पार्टी, ममता बनर्जी और तीसरे मोर्चा पर अभी कुछ नहीं कह रही है शायद उन्हें ममता दीदी के ममता पर भरोसा हो चली है, लेकिन कांग्रेस पार्टी के वर्तमान सहयोगी और भारतीय जनता पार्टी के पुराने साथी रहे शिवसेना ने ममता दीदी के तीसरे मोर्चा की सोंच पर प्रहार पर अपना रूख स्पष्ट करते हुए साफ साफ शब्दों में कांग्रेस पार्टी की तारीफ करते हुए कांग्रेस पार्टी को मजबूत करने की बात कही है।

अमित मंडावी पत्रकार। 

विदित हो कि, शिवसेना प्रमुख बाल ठाकरे विरासत को आगे बढ़ाने वाले उनकी पीढ़ी भारतीय जनता पार्टी की सहयोगी रहने से कांग्रेस के साथ मिलकर महाराष्ट्र में सरकार बनाना बेहतर समझा और महाराष्ट्र में उनकी सरकार चल रही है। इस दौरान बीजेपी का दामन छोड़ चुकी शिवसेना के नेताओं का रूख केन्द्र के भारतीय जनता पार्टी सरकार और नरेन्द्र मोदी पर कड़ा रहा है ऐसे में लोकसभा चुनाव की तैयारीयों में पार्टीयां गठजोड़ बनाने हेतू गस्त लगा रही है यह मानकर चलना चाहिए।