CORRUPTION : मैनपुर जनपद में भ्रष्टासुर सचिवों का आतंक, जिम्मेदार मौन कार्यवाही करे कौन ?

मैनपुर (गरियाबंद)। गरियाबंद जिला के मैनपुर जनपद में भ्रष्टासुरों का आतंक आज भी कायम है। अविभाजित मध्य प्रदेश के समय से ही चाहे नवा अंजोर योजना को अधियारा में गढ़ने का झोलझाल हो या शौचालय निर्माण की राशि को शौचालय में ही बहा देने का गड़बड़झाला भवन निर्माण की तो बात ही छोड़ दीजिए जनाब ! दूरस्थ वनांचल ग्रामों में जिम्मेदारों की जिम्मेदारी तो देखते ही बनती है। अनेक भवन तो ऐसे भी हैं जिनकी नींव तो डाली गई थी मगर कंगूरा कागज में तैयार किया जाकर अपने कर्मो की इतिश्री कर लेने में यहाँ के ग्राम सचिवों की कोई सानी नहीं ! यह सिलसिला आज भी जिला जनपद और ब्लॉक जनपद में विराजमान मुख्य कार्यपालन अभियंता के सांठगांठ में बदस्तूर जारी है...

एक ताजा मामला में जानकारी मिली है कि, मैनपुर जनपद के तहत ही ग्राम पंचायत नवापारा और मुडगेलमाल के सचिव भोजनाथ भाठी के विरुद्ध मैनपुर में एक स्वतंत्र पत्रकार द्वारा अनिश्चितकालीन धरना दिया जा रहा है ! मैनपुर निवासी मुकेश सोनी (स्वतंत्र पत्रकार) सचिव भोजनाथ भाठी से मटेरियल राशि की मांग को लेकर धरना में बैठे है। मुकेश सोनी ने बताया कि, ग्राम पंचायत नवापारा और मुडगेलमाल के सचिव भोजनाथ भाठी के आर्डर पर उनके द्वारा; तीव कुमार सोनी से मटेरियल लेकर खुद की जिम्मेदारी व गारंटी में सचिव को दिनांक 05 - 10 व 12 / 12 / 2017 को क्रमशः 1,30,000/- 1,43,000/- और 1,84,000 का कुल रकम 4,57,000 (चार लाख संतावन हजार रुपये) का मटेरियल ग्राम पंचायत नवापारा और मुडगेलमाल में मटेरियल सप्लाई करने वाले लेबर मिस्त्री व ट्रेक्टर चालक का गवाह के रूप में हस्ताक्षर है तथा सचिव भोजनाथ भाठी स्वयं बिल में पंचायत का मोहर (सील) लगाकर हस्ताक्षर किया गया है, मटेरियल आपूर्ति की गई थी।  

इस सम्बन्ध में ग्राम पंचायत मुडगेलमाल के पूर्व सरपंच केशरी नागेश ने अपने बयान में बताया कि, सचिव भोजनाथ भाठी, मटेरियल भुगतान के नाम पर 5 से 10 लाख रुपया निकाल कर गबन कर लिया है और हिसाब पूछने पर आज दिनांक तक कुछ नहीं बताता। उन्होंने प्रशासन से भी उक्त घोटाले से अवगत कराते हुए भोजनाथ भाठी के खिलाफ सरकारी रकम के दुरूपयोग किए जाने की शिकायत करते हुए कार्यवाही किए जाने की अपील किया है। इन तमाम लिखित शिकायत और गवाहों होने के बावज़ूद भ्रष्ट प्रशासन के कानों में जूं भी नहीं रेग रही है जिससे इस भ्रष्टासुर के हौसले बुलंद है वहीं भ्रष्टाचार की गंगा में जिला जनपद से लेकर पंचायत स्तर पर होने वाली गबन - घोटाले की साजिश का पर्दाफाश होने पर भी अंदेशे की सुई कड़ी दर कड़ी जुडी हुई नजर आती है। 



मामला यहीं तक होता तो समझ में आता, लेकिन एक लम्बी अवधि तक मटेरियल सप्लायर को रकम का भुगतान न होने पर कितनी मानसिक यातनाएं सहन करनी पड़ी, इसकी बानगी देखिए कि; पूर्व में पत्रकारिता से जुड़े साथी मुकेश सोनी को मानसिक यातनाओं के साथ - साथ परिवारिक कलह और स्वजन तीव सोनी से अनबन जैसे स्थिति से रोज का सामना करना पड़ता रहा। हताश होकर आखिर में मुकेश ने गाँधीवादी रास्ता अख्तियार कर अनिश्चित कालीन धरना करने पर विवश होना पड़ा। मुकेश सोनी ने कहा है कि जब तक कार्यवाही नहीं किया जाएगा तब तक अनिश्चित कालीन धरना जारी रहेगा....