बालोद। जिला के गुरूर विकासखंड क्षेत्र के कोसागोंदी पंचायत के उपसरपंच तेजराम साहू के खिलाफ कोसागोंदी के स्व सहायता समूह के महिलाओं ने बालोद कलेक्टर जन्मेजय महोबे के समक्ष प्रस्तुत होते हुए पंचायत क्षेत्र के गौठान में लगे सहजन, आम, केला आदि रोपित पौधो को उखाड़ कर फेंकने की शिकायत की थी, जिसके बाद से कोसागोंदी उपसरपंच तेजराम साहू को कुछ लोग प्रकृति के दुश्मन के तौर पर प्रस्तुत करने की कोशिश की गई है जबकि हकिकत के धरातल से सच्चाई कुछ और ही नजर आती है।
ज्ञात हो कि प्रदेश सरकार ग्रामीण भारत की मुख्य आधार कृषि, पशु पालन और गरीब मजदूरों को रोजगार देने के नियत से सरकार ने गौठान क्षेत्रो में फलदार पौधा रोपण के कार्य को अंजाम दिया है ताकि भविष्य में हमें बेहतर वातावरण के साथ रोजगार के अवसर भी प्राप्त हो सके इसी तर्ज पर जिला के गुरूर विकासखंड क्षेत्र के कोसागोंदी में गौठान निर्माण के साथ फलदार पौधा रोपे गए थे जिसमें से कुछ पौधे जड़ के पास से गल कर सुख गये थे, जिसकी शिकायत गुरूर जनपद के सीईओ राजेंद्र पटौदी से की गई थी। राजेंद्र पटौदी ने खराब पौधों की जगह नये पौधे लगाने की बात करते हुए लगभग दो सौ पौधे पंचायत को दिये और उसे पंचायत के माध्यम से लगा दिया है। महिला समूह के कुछ महिलाओं को शायद यह नागंवार लगा कि, हमें पंचायत के उपसरपंच ने पौधे रोपने के लिए नहीं कहा; जबकि गौठान से लेकर पौधों की देखभाल की जिम्मेदारी हमारी है और इस बात से आहत हो कर महिला स्वसहायता समूह के महिलाओं ने जिला कलेक्टर से शिकायत करने जिला मुख्यालय पहुंच गए।
एक ओर पन्नू साहू कुख्यात लकड़ी तस्कर जो पेड़ों के पत्ते हिलने से पहले ही पेड़ों को धारदार हथियारों से काट डालने के लिए प्रसिद्ध है ने अपने ही गांव के रुपेश कुमार निर्मलकर जो मजदूरी कर अपने परिवार की पेट भरता है, उसकी तीन पस्लियां तोड़कर उसे इन दिनों अपाहिज बना दिया है और उसके बाद में उसके खिलाफ झुठा रिपोर्ट दर्ज कराकर उसे प्राताड़ित करने का भी प्रयास किया है। वहीं स्वंय पन्नू साहू कानून के पकड़ से बाहर खुलेआम लकड़ी तस्करी को अंजाम देते हुए बालोद जिला के पावन धरा से कुदरत की अनमोल धरोहर हरे-भरे; लहलहाते पेड़ों की तस्करी करने में जुटा हुआ है।
विनोद नेताम | संवाददाता |