पर्यावरण पार्क में कार्यरत मजदूरों की मजदूरी अटकी, वन विभाग पर गंभीर लापरवाही के आरोप
बालोद :-
पर्यावरण पार्क में कार्यरत मजदूरों को कई महीनों(लगभग 7/8 माह ) से मजदूरी का भुगतान नहीं मिलने के कारण आक्रोश बढ़ता जा रहा है। मजदूरों ने आरोप लगाया है कि लम्बे समय तक काम कराने के बावजूद वन विभाग द्वारा उनकी मजदूरी अटका दी गई है, जिससे उनके परिवार आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं।
मजदूरों द्वारा विभाग को दी गयी हाजरी और बकाया राशि की जानकारी!मजदूरों के अनुसार, वे लगातार विभागीय कार्यालय का चक्कर लगा रहे हैं, लेकिन हर बार उन्हें “प्रक्रिया चल रही है”, “ऊपरी मंजूरी बाकी है” जैसे जवाब देकर वापस लौटा दिया जाता है। मजदूरों का कहना है कि उनकी मेहनत की कमाई समय पर न मिलने से उनकी रोजमर्रा की जरूरतें तक पूरी नहीं हो पा रही हैं।
स्थानीय नागरिकों का कहना है कि मजदूरी भुगतान में इस तरह की देरी विभागीय स्तर पर गंभीर लापरवाही को दर्शाती है। कई मजदूरों ने आरोप लगाया कि विभाग में ऐसी व्यवस्थाएँ ‘दीमक की तरह’ मेहनतकशों के हकों को खत्म कर रही हैं, जिससे भ्रष्टाचार की आशंकाएँ गहराती जा रही हैं।
दिनांक 23/09/25 को वनमंडल अधिकारी को सौपा गया ज्ञापन पऱ कार्यवाही अब तक शून्य बटे सन्नाटा !मजदूरों ने चेतावनी दी है कि यदि जल्द भुगतान नहीं किया गया, तो वे सामूहिक रूप से धरना-प्रदर्शन कर अपनी आवाज बुलंद करेंगे। उन्होंने प्रशासन से तत्काल हस्तक्षेप कर बकाया मजदूरी दिलाने और पूरे मामले की निष्पक्ष जांच कराने की मांग की है।
प्रशासनिक स्तर पर इस मामले में अब मजदूरों को आश्वासन के बजाय ठोस कार्रवाई की प्रतीक्षा है।








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