छत्तीसगढ़ बचाओ आंदोलन ने किया गिरफ्तार आंदोलनकारियों की रिहाई और जंगल कटाई पर रोक की मांग
रायपुर। छत्तीसगढ़ की सत्ता में काबिज होते ही भाजपा सरकार ने अपने चहेते कार्पोरेट अडानी के लिए संसाधनों की लूट और आदिवासियों के दमन की कार्यवाही शुरू कर दी है। इसी कारगुजारी के तहत आज सुबह हसदेव अरण्य बचाओ संघर्ष समिति के युवा साथी रामलाल करियाम (ग्राम हरिहरपुर), जयनंदन पोर्ते (सरपंच ग्राम घाटबर्रा) और ठाकुर राम सहित अन्य आंदोलनकारी साथियों को पुलिस घर से उठाकर ले गई है और गांव में भारी पुलिस फोर्स को तैनात करके परसा ईस्ट केते बासेन कोयला खदान के लिए पेड़ों की कटाई शुरू कर दी गई है।
कुछ आंदोलनकारियों को घर से उठाकर ले गई पुलिस
कोल खदान के लिए पेड़ों की कटाई की तैयारी लगभग पूरी
हजारों की संख्या में पेड़ों के कटने का अनुमान
अब से कुछ देर बाद हो सकती है पेड़ों की कटाई शुरू
हसदेव अरण्य छत्तीसगढ़ का समृद्ध वन क्षेत्र है, जहां हसदेव नदी और उस पर मिनीमता बांगो बांध का कैचमेंट है, जिससे 4 लाख हेक्टेयर जमीन सिंचित होती है। केंद्र सरकार के ही एक संस्थान "भारतीय वन्य जीव संस्थान" ने अपनी रिपोर्ट में लिखा है कि हसदेव अरण्य में कोयला खनन से हसदेव नदी और उस पर बने मिनीमाता बांगो बांध के अस्तित्व पर संकट होगा। प्रदेश में मानव-हाथी संघर्ष इतना बढ़ जाएगा कि फिर कभी उसे कभी सम्हाला नही जा सकता।
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घाटबर्रा के पेंड्रा मार जंगल में होनी है पेड़ों की कटाई |
छत्तीसगढ़ विधानसभा ने दिनांक 26 जुलाई 2022 को अशासकीय संकल्प सर्वानुमति से संकल्प पारित किया था कि हसदेव अरण्य को खनन मुक्त रखा जाए। पूरा क्षेत्र पांचवी अनुसूची में आता है और किसी भी ग्रामसभा ने खनन की अनुमति नहीं दी है। परसा ईस्ट केते बासेन कोयला खदान के दूसरे चरण के लिए खनन वनाधिकार कानून, पेसा अधिनियम और भू-अर्जन कानून – तीनों का उल्लंघन है।
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धरना स्थल हरिहरपुर में भी पुलिस बल तैनात |
भवदीय
छत्तीसगढ़ बचाओ आंदोलन - अखिल भारतीय आदिवासी महासभा, जिला किसान संघ- राजनादगांव, छत्तीसगढ़ मुक्ति मोर्चा (मजदूर कार्यकर्त्ता समिति), जन स्वास्थ्य कर्मचारी यूनियन, छत्तीसगढ़ वनाधिकार मंच, भारत जन आन्दोलन, हसदेव अरण्य बचाओ संघर्ष समिति (कोरबा, सरगुजा), माटी (कांकेर), अखिल भारतीय किसान सभा (छत्तीसगढ़ राज्य समिति), छत्तीसगढ़ किसान सभा, किसान संघर्ष समिति कुरूद, दलित आदिवासी मंच (सोनाखान), गाँव गणराज्य अभियान (बलरामपुर), आदिवासी जन वन अधिकार मंच (कांकेर), सफाई कामगार यूनियन, मेहनतकश आवास अधिकार संघ (रायपुर), मूलवासी बचाओ मंच, जशपुर जिला संघर्ष समिति, राष्ट्रीय आदिवासी विकास परिषद् (छत्तीसगढ़ ईकाई-रायपुर), जशपुर विकास समिति, रिछारिया कैम्पेन,