कोरबा जिला के विधायक जय सिंह अग्रवाल का जन्म उनके प्रोफाइल के मुताबिक 01 मार्च 1963 को हरियाणा के झज्झर जिला में जन्मे यह महोदय छत्तीसगढ़ की राजनीति में कोरबा विधानसभा के हाईप्रोफाइल सीट से लगातार तीन बार जीत हासिल कर चुके हैं जिसके बतौर पारितोष भूपेश बघेल सरकार के शासन में उसे राजस्व और आपदा प्रबंधन मंत्री का प्रभार सौंपा गया था। अब मुद्दा यह है कि; कोरबा की सीट कितनी हाईप्रोफाइल है यह इनके प्रोफाइल से जाँचा - परखा जा सकता है।
रायपुर। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी की कोरबा विधानसभा सीट से चौथी बार अपनी किस्मत आजमाने वाले जय सिंह अग्रवाल का राजनीतिक परिचय हमें यहाँ की भांड मीडिया की मुखाग्नि से जानने का अवसर मिला जिसे अमूमन आप भी परिचित होंगे ही फिर भी इस भांड मीडिया के मुताबिक इनका राजनीतिक सफरनामा छात्र संघ अध्यक्ष पद से शुरुआत होती है, फिर साल 1994 में ये कोरबा के विशेष क्षेत्र विकास प्राधिकरण (साडा) के सदस्य थे। उसके बाद साल 1996 से 1998 तक साडा के अध्यक्ष भी रहे, इस दौरान उन्हें राज्यमंत्री का दर्जा प्राप्त था।
राजनीतिक सफरनामा
अविभाजित मध्यप्रदेश में मध्य प्रदेश प्रदूषण बोर्ड भोपाल के ये सदस्य बने. जयसिंह राजनीतिक के अलावा समाजिक क्षेत्र में भी सक्रिय रहे। साल 2000 से 2003 तक छतीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी और नगरीय निकाय प्रकोष्ठ के कार्यकरणी सदस्य भी ये रह चुके हैं। साल 2004 से 2011 तक जयसिंह अग्रवाल पीसीसी में महामंत्री का रुतबा हासिल करने बाद साल 2018 में कांग्रेस की सरकार सत्ता में आई और इनके उक्त क्रिया कर्म से प्रसन्न भू-पति (मुख्य मंत्री भूपेश बघेल) ने इन्हें छत्तीसगढ़ शासन में राजस्व, आपदा प्रबंधन, पुनर्वास, पंजीयन एवं स्टाम्प ड्यूटी मंत्रालयों के कैबिनेट मंत्री सौगात सौंप दिया।
जाहिर है, उक्त तमाम तमगा, महोदय को यूँ ही तो हासिल नहीं हुआ होगा, तो गुप्त सूत्रों से प्राप्त जानकारी मुताबिक इस मंजिल को हासिल करने के लिए इन्होने अनेक रास्ते भी अख्तियार किए होंगे और उनके इस बुर्ज की नींव में दफ़न एक - एक ईंट की भी एक दास्तां रही होगी, जिसे भांड मीडिया देख नहीं पाया। आइए हम महोदय के उन तमाम काँटों भरा मार्ग से आप सभी को रूबरू करवाएं ...
20 में से 16 मामलों में सीधे आरोपी है जय सिंह अग्रवाल
प्राप्त जानकारी के मुताबिक विधायक जय सिंह अग्रवाल और उनके भागीदारों के अपराध की फेहरिस्त तो बेहद लम्बी है, मगर ज्ञात अपराधों की सूची में 20 ऐसे अपराध शामिल हैं जिसमेँ से एक दर्जन से अधिक अपराधों में सीधे जय सिंह का नाम शामिल है। जिला के विभिन्न थानों में दर्ज एफआईआर में भादवि की धारा में 467, 468, 471, 409, 120 बी/34 सहित 420 के प्रमुख आरोपी जय सिंह के प्रकरण से सम्बद्ध अधिकतर मामले न्यायालय में इसलिए लंबित है क्योंकि पुलिस ने उन तमाम प्रकरणों जाँच में कोताही बरतते हुए मामले को ठन्डे बस्ते में डाल रखा है ...! अगर यही मामला किसी आम नागरिक से जुड़ा होता तो आरोपित शख्स कब का जेल की सलाखों में कैद होता।
एक बात आप समझ लीजिये और अपने दिलों दिमाग में बैठा लीजिये कि आप कहीं भी सुरक्षित नहीं है। कोई आपसे प्रतिशोध लेना चाहे तो जहाँ चाहे वहाँ ले सकता है। इस देश में आपको अपने सामानों की सुरक्षा ही नहीं करनी होती बल्कि अपने जान की सुरक्षा भी आपको ही करनी होती है। किसी भ्रम को मत पाल कर रखिये इस देश में कानून आपकी सुरक्षा के लिए है। देश के तमाम सुरक्षा एजेंसियाँ और राज्य पुलिस केवल नेताओं और अफसरों की चाकरी के लिए है।