कांकेर (उत्तर बस्तर) : पखांजूर निवासी फूड इंस्पेक्टर राजेश विश्वास, जो कोयलीबेड़ा ब्लॉक में पदस्थ था 21 मई को दोस्तों के साथ मौज मस्ती करने परलकोट बांध गया रहा। इस दौरान सेल्फी के चक्कर में उसका बेशकीमती मोबाइल जिसकी कीमत डेढ़ लाख बताया जा रहा है, परलकोट जलाशय में गिर गया चूँकि बांध में पानी ज्यादा था, जिसके चलते महोदय ने स्थानीय तैराक की मदद से बांध को खंगाल डाला मगर बांध में पानी ज्यादा होने से निर्णय लिया कि बांध के पानी को ही खाली करना होगा;
और आनन-फानन में इस खाद्य अधिकारी के द्वारा जलसंसाधन विभाग के एसडीओ से मौखिक बातचीत कर बांध से पानी निकालने के लिए 30 एचपी के दो बड़े डीजल पंप का इंतजाम कर सोमवार शाम से गुरुवार (चार दिन) तक चौबीसों घंटे पंप चलाकर जलाशय का पानी खाली कराया जाता रहा।
सूत्रों के मुताबिक स्केल वायर में 10 फीट पानी भरा था, जो 4 फीट पर आ गया। शिकायत पर सिंचाई अफसर मौके पर पहुंचे और पानी निकालना बंद करवाया। लेकिन तब तक स्केल वाय से 6 फीट अर्थात 21 लाख लीटर पानी बहाया जा चुका था।
खबर वायरल होने पर कांकेर कलेक्टर ने मामले को संज्ञान में लेते हुए तत्काल प्रभाव से फूड इंस्पेक्टर का निलंबन आदेश जारी कर दिया है।
फूड इंस्पेक्टर का कहना है कि मोबाइल में विभागीय जानकारी थी, इसलिए उसने जलाशय खाली कराया जबकि चर्चा है कि मोबाइल डेढ़ लाख रुपए की होने के कारण बांध को खाली कराया गया।
डॉ. प्रियंका शुक्ला कलेक्टर कांकेर ने निलंबन आदेश में उल्लेखित है कि "राजेश विश्वास खाद्य निरीक्षक, पखांजूर द्वारा अपना मोबाईल ढूंढने के लिए अपने पद का दुरूपयोग करते हुए सक्षम अधिकारी की अनुमति बिना परलकोट जलाशय से भीषण गर्मी में लाखों लीटर पानी व्यर्थ बहा देना, उनके अशोभनीय आचरण का द्योतक है, जो अस्वीकार्य है। उक्त कृत्य छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण तथा अपील) नियम 1966 के नियम 9 के उपनियम (1) के विपरीत होने के कारण उन्हें तत्काल प्रभाव से निलंबित किया जाता है।"
नरेन्द्र श्रीवास्तव | , पत्रकार |