- धान खरीदी राज्य सरकार अपने दम पर करती है
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा कि किसानों को धान की कीमत 2640 और 2660 रू. जो मिला उसके पीछे कांग्रेस की राजीव गांधी किसान न्याय योजना है। जिसके कारण किसानों को 9000 रू. प्रति एकड़ की इन्पुट सब्सिडी मिल रही है। इन्पुट सब्सिडी प्रति एकड़ 15 क्विंटल धान खरीदी के हिसाब से 600 रू. प्रति एकड़ होती है। 600 रू. और समर्थन मूल्य के 2040 तथा 2060 रू. का जोड़ मिलाकर किसानों को 2640 और 2660 रू. मिला है। राजीव गांधी किसान न्याय योजना की यह सहायता भाजपा के किसान विरोधी निर्णय के कारण ही शुरू की गयी। केंद्र सरकार रोक नहीं लगाती तो किसानों को कांग्रेस सरकार एकमुश्त भुगतान करती।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा कि भाजपा की कथनी करनी का अंतर हमेशा से अलग रही। छत्तीसगढ़ में सरकार में रहते भाजपा ने वायदा किया कि धान का 2100 रूपये समर्थन मूल्य देंगे, नहीं दिया। 5 साल तक 300 रूपये बोनस देंगे, 5 साल नही दिया। धान का एक-एक दाना खरीदेंगे, नहीं खरीदा। 10 क्विंटल खरीद रहे थे कांग्रेस के विरोध के बाद बढ़ाया। 2014 के चुनाव के पहले मोदी ने वायदा किया था स्वामीनाथन कमेटी की सिफारिशों लागू करेंगे लागत मूल्य पर 50 प्रतिशत जोंडकर समर्थन मूल्य देंगे, नहीं दिया। 2022 तक किसानों की आय दुगुनी करेंगे। 2022 बीत गया किसानों की आय बढ़ने के बजाये घट गयी।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा कि 2014 लोकसभा चुनाव में किसानों से केंद्र में भाजपा की सरकार बनने पर स्वामीनाथन कमेटी की सिफारिश के अनुसार लागत मूल्य का डेढ़ गुना समर्थन मूल्य देने,महंगाई कम करने, किसानों की आय दुगुनी करने का वादा किया था। लेकिन 2013 में बनी रमन सिंह की सरकार और 2014 में बनी मोदी की सरकार ने किसानों से वादाखिलाफी कर किसानों के साथ अन्याय किया। मोदी सरकार ने रासायनिक खादों के दामों में बेतहाशा वृद्धि कर, सस्ती डीजल को महंगे दामों में बेचकर मुनाफाखोरी कर महंगाई की मार झेल रहे कर्ज से दबे हताश परेशान मजबूर देशभर के किसानों को लगातार नुकसान पहुँचाया है।