आउट सोर्सिंग कंपनियों में रोजगार देने की मांग। - PRACHAND CHHATTISGARH

Home Top Ad

 



 

Post Top Ad

Sunday, October 2, 2022

आउट सोर्सिंग कंपनियों में रोजगार देने की मांग।

गांधी जयंती पर किसान सभा ने शुरू किया अनिश्चितकालीन सत्याग्रह


कोरबा। रोजगार और पुनर्वास की मांग पर विस्थापन प्रभावित गांवों के किसानों ने एक और तंबू गाड़ दिया है। आज राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की जयंती के दिन एसईसीएल के गेवरा परियोजना के अंतर्गत नरईबोध के पास छत्तीसगढ़ किसान सभा के नेतृत्व में ग्रामीणों ने अनिश्चितकालीन सत्याग्रह आंदोलन शुरू कर दिया है। इसके पहले सभी ग्रामीणों ने गांधी जी की तस्वीर पर पुष्पांजलि अर्पित करके उन्हें अपनी श्रद्धांजलि दी तथा उनके दिखाए रास्ते पर चलते हुए देश की आजादी, एकता और भाईचारे की रक्षा करने शपथ ली।

उल्लेखनीय है कि कुसमुंडा परियोजना मुख्यालय पर भी पिछले 11 महीनों से भूविस्थापित ग्रामीण बड़ी संख्या में धरना दे रहे हैं और पांच बार खदान बंदी कर चुके हैं। अब प्रभावित ग्रामीणों ने गेवरा में भी अपना मोर्चा खोल दिया है और नरईबोध के पास खदान से लगे खनन विस्तार क्षेत्र में पंडाल तानकर हर सप्ताह गेवरा खदान बंद करने की घोषणा की है। इससे आने वाले दिनों में एसईसीएल प्रबंधन की मुसीबतें और बढ़ जाएगी। आंदोलनकारी ग्रामीण खनन प्रभावित गांवों के बेरोजगारों को आऊट सोर्सिंग कंपनियों में 100% रोजगार देने की मांग कर रहे हैं। आंदोलन की घोषणा पहले से ही थी, जिसे देखते हुए दीपका तहसीलदार वीरेंद्र श्रीवास्तव और कुसमुंडा थाना प्रभारी अपने दलबल के साथ मौके पर ही उपस्थित थे। लेकिन आंदोलनकारी चार घंटों तक खनन क्षेत्र में मिट्टी खनन का कार्य बंद कराने में सफल रहे।

छत्तीसगढ़ किसान सभा के जिला सचिव प्रशांत झा ने आरोप लगाया है कि स्थानीय भूविस्थापित बेरोजगारों को रोजगार देने के बजाए इस क्षेत्र के बाहर के लोगों को रोजगार बेचा जा रहा है और इसमें एसईसीएल प्रबंधन और आउटसोर्सिंग कंपनियों की पूरी मिलीभगत है। उन्होंने कहा कि विस्थापन प्रभावित लोगों के लिए रोजगार का प्रबंध करना एसईसीएल की जिम्मेदारी है, लेकिन भ्रष्टाचार में आकंठ डूबा प्रबंधन अपने इस सामाजिक उत्तरदायित्व को पूरा करने से मुकर रहा है।

किसान सभा के नेता दीपक साहू, जय कौशिक तथा भू विस्थापित रोजगार एकता संघ के अध्यक्ष रेशम यादव और दामोदर श्याम ने भूविस्थापित बेरोजगारों को खनन कार्यों में सक्षम बनाने हेतु उन्हें प्रशिक्षित करने तथा आउटसोर्सिंग कंपनियों में कार्य कर रहे लोगों का पुलिस वेरीफिकेशन कराने की मांग की है, ताकि रोजगार खरीदने वाले और रोजगार बेचने वालों का चेहरा सामने आ सके। उन्होंने कहा कि नरईबोध तथा गंगानगर सहित दर्जनों गांव खनन परियोजना से प्रभावित है और हजारों परिवार आजीविका के साधनों के अभाव में बेरोजगारी का दंश सहने को मजबूर है।

नरईबोध गांव की किसान सभा की अध्यक्षा कांति कंवर व पूर्णिमा महंत ने गांव के बेरोजगारों को रोजगार मिलने तक नरईबोध क्षेत्र में खनन विस्तार के कार्य पर रोक लगाने की मांग की है।



No comments:

Post a Comment

Total Pageviews

Post Top Ad