गेवरा (कोरबा)। सैकड़ों भू विस्थापितों ने आज छत्तीसगढ़ किसान सभा और भूविस्थापित रोजगार एकता संघ के नेतृत्व में एसईसीएल के सीएमडी प्रेम सागर मिश्रा का गेवरा हाउस में घेराव कर दिया। कोयला उत्पादन बढ़ाने के लक्ष्य को लेकर वे कुसमुंडा और गेवरा खदान के दौरे पर आए थे, लेकिन इसकी बजाए उन्हें उत्पादन ठप्प करने और खदान बंदी की चेतावनी का सामना करना पड़ा। घेराव में फंसे सीएमडी ने किसान सभा को उनकी मांगों पर 7 नवम्बर को चर्चा का आश्वासन दिया है, तब जाकर उन्हें मुक्ति मिली।
सीएमडी के दौरे की खबर लगते ही किसान सभा के नेतृत्व में सैकड़ों भूविस्थापितों ने गेवरा हाऊस का घेराव कर दिया। इस समय उनके साथ सभी एरिया के महाप्रबंधक, डायरेक्टर टेक्नीक तथा बिलासपुर से आए अधिकारी उपस्थित थे। इस अचानक घेराव से सन्न एसईसीएल प्रबंधन ने आंदोलनकारियों को रोकने के लिए गेवरा हाऊस के गेट को ही बंद कर दिया गया और आनन-फानन में बड़ी संख्या में सीआईएसएफ फोर्स को तैनात कर दिया। लेकिन इससे पूरा एसईसीएल प्रबंधन गेवरा हाऊस में कैद होकर रह गया। प्रबंधन के इस रवैये से आक्रोशित आंदोलनकारी बाहर सड़क पर बैठकर ही प्रदर्शन करने लगे और सीएमडी के काफिले को लौटने न देने का ऐलान कर दिया। इसके बाद ही सीएमडी मिश्रा प्रतिनिधिमंडल से मिलने को बाध्य हुए, समस्याओं को गंभीरता से सुना और इस पर चर्चा के लिए प्रतिनिधिमंडल को बिलासपुर में आमंत्रित किया है।
प्रतिनिधि मंडल में किसान सभा नेता प्रशांत झा, जवाहर सिंह कंवर, जय कौशिक, दामोदर श्याम तथा रोजगार एकता संघ के रघु यादव, गुलाब, अमृत बाई, शिवदयाल, दीनानाथ, बसंत चौहान आदि शामिल थे, जिन्होंने सीएमडी को बरसों पुराने भूमि अधिग्रहण के बदले लंबित रोजगार प्रकरण, मुआवजा, पूर्व में अधिग्रहित जमीन की वापसी, प्रभावित गांवों के बेरोजगारों को खदानों में काम देने, महिलाओं को स्वरोजगार तथा पुनर्वास गांव में बसे भूविस्थापितों को काबिज भूमि का पट्टा देने समेत 20 सूत्रीय मांग पत्र सौंपा।
प्रतिनिधिमंडल में शामिल किसान सभा नेताओं ने कहा है कि एसईसीएल की जन विरोधी नीतियों के खिलाफ लड़ाई जारी रहेगी तथा रोजगार और पुनर्वास की समस्याओं का समाधान न होने पर यहां आने वाले हर अधिकारी के दौरे का विरोध किया जाएगा। उन्होंने बताया कि कोल इंडिया और राज्य के स्थापना दिवस के दिन 1 नवम्बर को कोरबा और सूरजपुर जिले में किसान सभा ने काला दिवस मनाने का निर्णय लिया है। इस दिन एसईसीएल अधिकारियों को काले झंडे दिखाए जाएंगे।
उल्लेखनीय है कि कुसमुंडा के बाद अब गेवरा में भी किसान सभा ने भूविस्थापितों की मांगों पर अनिश्चितकालीन धरना शुरू कर दिया है, जिसमें बड़ी संख्या में हर रोज किसान भाग ले रहे हैं। इन आंदोलनकारियों ने कई बार खदान बंदी कर कोयला उत्पादन और परिवहन को बाधित किया है।