खबर प्रकाशन के बाद बौखालाया विद्युत विभाग बालोद।

 खबर प्रकाशित करने वाले पत्रकार के घर की काटी बिजली।

बालोद। जिला में विद्युत विभाग ने मार्च क्लोजिंग समय की आड़ में जिला के आम उपभोक्ताओं से बिजली की बिल नियम विरूद्ध वसूल करने में उतारू हो गए हैं। एक ओर जहां विभाग जिला के 33 सरकारी दफ्तरों को सिर्फ नोटिस थमाकर अपनी दरीयादिली दिखाते हुए नजर आते हैं तो वहीं जिला के आम जनता पर कहर बरपाते हुए देखे जा सकते है।


विदित हो कि "हाईवे क्राइम टाईम" ने कुछ दिन पहले ही जिला के गुरूर विधुत मंडल परिक्षेत्र के खैरवाही निवासी एक व्यक्ति की खबर प्रकाशित की थी, उक्त गरीब बीपीएल कार्ड धारक है जिसने कुछ दिन माह पहले ग्राम कन्हारपुरी में बनने वाले नल जल योजना हेतू स्वीकृत पानी टंकी निर्माण में लगे ठेकेदार मुकेश अडिल निवासी ग्राम पंचायत पलारी को पानी की टंकी निर्माण कार्य में जरूरी उपयोग हेतू अपने घर से लगे मीटर का उपयोग हेतू कनेक्सन दिया था जिसके लिए मुकेश अडिल एवं ग्राम पंचायत कन्हारपुरी के पंचायत ने विद्युत विभाग से अस्थाई कनेक्शन की मांग भी कर रखी थी, जिसके बाद भी विभाग ने उन पर विद्युत कनेक्शन चोरी का आरोप लगाते हुए भारी जुर्माना लगाया। जबकि पानी टंकी निर्माण कार्य कन्हारपुरी मुकेश अडिल अपने स्वयं या फिर बीपीएल राशन कार्ड धारी जगत राम कलार निवासी खैरवाही तह गुरूर के निजी उपयोग हेतू नही कर रहे थे; बल्कि पानी की समस्या के मद्देनजर कन्हापुरी के ग्रामवासियों को तक पेय जल पहुंचाने हेतु शासन के आदेशानुसार कार्य एजेंसी ग्राम पंचायत कन्हारपुरी के द्वारा कराया गया था। इससे पहले गुरूर विकासखंड क्षेत्र के ग्राम पंचायत पेंवरो में विद्युत विभाग गुरूर के द्वारा तालाब में मोटर पंप से पानी निकालने के दौरान विधुत विभाग गुरूर ने ग्राम पंचायत पर मामला बनाते हुए पंचायत से जुर्माना वसूला था लेकिन कन्हार पुरी के पानी टंकी निर्माण कार्य में विभाग ने विद्युत मीटर धारक गरीब किसान पर मामला बनाते हुए विभाग को जरा भी लज्जा नहीं आई,क्योंकि ग्राम पंचायत पेंवरो वाले मामले में विद्युत विभाग, गुरूर के बिजली बिल रिडर की मुख्य भूमिका थी जिसको ग्राम पंचायत पेंवरो के सम्मानित पंचायत सदस्यों ने तलाब में मनरेगा के तहत कार्य कराने हेतू पानी निकासी का कार्य उनके इच्छा अनुरूप सौंपा था और चूंकि वह विभाग का कर्मचारी था उन्हें सरपंच महोदया के द्वारा एवं पंचायत सदस्यों के द्वारा विभाग से अनुमति लेकर कार्य करने की सलाह दिया था जिसके बाद में भी उक्त व्यक्ति ने विभाग की अनुमति लेना उचित नहीं समझा परिणाम स्वरूप इसका खामियाजा पंचायत को भुगतना पड़ा। इन दोनो मामलों को यदि हम एक दूसरे से तुलना करते है तो हमें विद्युत विभाग के कार्यप्रणाली बारे में गंभीर शंका पैदा होते नजर आती है।

अवगत हो कि जिला में अवैध रूप से संचालित होने वाले ईट भट्टो में कृषि उपयोग हेतू दिए गए मोटर पंप कनेक्सन से ईट बनाने का कार्य समस्त जिला में इन दिनों सालों से किया जाता रहा है। विभाग के द्वारा कुछ एकात लोगों को छोड़कर प्रायः सभी ईट भट्टा संचालंको को अस्थाई कनेक्शन बांट कर सुप्रीम कोर्ट के द्वारा लाल ईट पर लगाई गई रोक में लाल ईट भट्टा संचालंको का मनोबल ऊंचा करने एवं पर्यावरण मंत्रालय के द्वारा जारी दिशा निर्देश की धज्जी उड़ाने में एक तरह की महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है ।सुत्रो की मानें तो विधुत विभाग के अधिकारी और कर्मचारीयों तक ईट भट्टा संचालंको की विशेष पैकेज इस्पेशली लिफाफा में भर कर भेजा जाता रहा है जिसके एवज में जिला के तमाम ईट भट्ठों में कृषि के लिए उपयोग होने वाली मोटर पंप कनेक्शन से बिजली की आपूर्ति कर लाल ईट बनाने का कार्य बेधड़क किया जाता है।

अमीत मंडावी  

कृषि में सिंचाई हेतू सरकार ने किसानों को अन्य उपभोक्ताओं से कहीं ज्यादा छूट का लाभ दिया जा रहा है जिसका फायदा विधुत विभाग के रहते हुए जिला में संचालित होने वाली लाल ईट भट्टा मालिक उठा रहे है तो वंही सरकारी कार्य और आम जनता से जुड़ी कार्यों में कार्यवाही कर विभाग के शान में पताका फहराने वाले विधुत विभाग के अधिकारी और कर्मचारी उठा रहे है। संबंधित खबर के लिए विधुत विभाग के एई राजेश कुमार से संपर्क करने की कोशिश की गई लेकिन साहब को हमारी नंबर से उनके मोबाइल पर इनकमिंग कॉल देखना पसंद नही आया जिसके चलते हमारा उनसे मामले में कोई जानकारी हासिल नही की जा सकी है।