नगरनार स्टील प्लांट : नीजिकरण के विरोध में रेल रोको आंदोलन की तैयारी


बस्तर
के स्थानीय बेरोजगार नगरनार स्टील प्लांट को निजी हाथों में दिये जाने का विरोध करते हुए बड़े आंदोलन की तैयारियों में जुट हुए है। जगदलपुर स्थित नगरनार स्टील प्लांट को एनएमडीसी लिमिटेड से डी-मर्जर करके विनिवेशीकरण करने के फैसले के विरोध में बस्तर में बड़े स्तर पर जन आंदोलन करने की तैयारी की जा रही है। एनएमडीसी की आर्थिक नाकेबंदी और आदिवासियों को मिले संवैधानिक अधिकारों को सामने रखकर केंद्र सरकार पर विनिवेशीकरण का फैसला वापस लेने के लिए दबाव डाला जाएगा। इस मामले में बस्तर के सांसद दीपक बैज का कहना है कि; नगरनार प्लांट के निजीकरण के विरोध में केंद्र को प्रस्ताव भेजा जा चुका है। मगर उसे केंद्र द्वारा खारिज कर दिया गया है। सरकार का इस मामले में तर्क है कि नगरनार स्टील प्लांट घाटे में जा रहा है। इस मामले में सांसद बैज का तर्क है कि सरकार इस प्लांट को बगैर चलाए फैसला किस तरह ले सकती है कि यह प्लांट घाटे में चल रहा है। जबकि अभी तो प्लांट का निर्माण कार्य ही जारी है।

सांसद ने कहा कि सरकार 10 सालों के लिए प्लांट में निर्माण प्रक्रिया चालू करे। अगर इसके बाद भी घाटा होता है तो हमें इस प्लांट के निजीकरण पर कोई विरोध नहीं है। बस्तर आदिवासी क्षेत्र है केंद्र को आदिवासियों के हितों को देखते हुए फैसला लेना चाहिए।

30 नवंबर को अहम बैठक :

डी-मर्जर के विरोध में 30 नवंबर को बैठक बुलाई गई है। प्रदेश सरकार के मुखिया भूपेश बघेल की भी यही मंशा है कि इस प्लांट के जरिए आदिवासियों का विकास हो। यदि केंद्र सरकार फिर भी इस प्लांट का निजिकरण करती है तो बस्तर बंद किया जाएगा।, प्लांट में उत्पादन रोक दिया जाएगा। साथ ही रेल सेवा भी बाधित की जाएगी। आदिवासियों के हित में जो संभव होगा वह प्रयास किया जाएगा ताकि इस प्लांट के निजीकरण का फैसला वापस लेने पर केंद्र सरकार मजबूर हो जाए।

एनएमडीसी के 20 हजार करोड़ हो चुके हैं खर्च हो :

आपको बता दें कि केंद्र की भाजपा सरकार द्वारा छत्तीसगढ़ के बस्तर संभाग के नगरनार स्टील प्लांट निर्माणाधीन है। जिसमें एनएमडीसी के 20 हजार करोड़ खर्च हो चुके हैं। उसका डी-मर्जर कर निजीकरण करने का निर्णय कैबिनेट में लिया गया है। इसके विरोध में बस्तर संभाग का मुख्यालय जगदलपुर महीनों से आंदोलनरत है।

बस्तर संभाग के सभी 12 निर्वाचित विधायकों को सहयोग देने की अपील :

अमीत मंडावी
सवाददाता
 

राज्य सरकार को विशेष ध्यान देना चाहिए। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री बस्तर संभाग में और सरगुजा संभाग में मिनी स्टील प्लांट लगाने के लिए 54 उद्योगपतियों से एमओयू कर लिया है। यह अच्छी बात है लेकिन नगरनार स्टील प्लांट को बचाना भी छत्तीसगढ़ सरकार की नैतिक जिम्मेदारी है। नगरनार स्टील प्लांट के एनएमडीसी के वर्क फेडरेशन ने आंदोलन को और उग्र रूप देने की घोषणा की है। बस्तर लोकसभा के सांसद दीपक बैज सहित बस्तर संभाग के सभी 12 निर्वाचित विधायकों को इस आंदोलन में सहयोग देने की अपील की है।