अतिक्रमण पर प्रशासन का चला बुलडोजर ,कंही पसरी खुशी तो कंही गम

बालोद। जिला के ग्राम पंचायत जगन्नाथपुर में  बालोद जिला प्रशासन की ओर से अवैध अतिक्रमण पर कार्रवाई की गई जिसमें राजस्व विभाग के अधिकारी तहसीलदार श्रीमती रश्मि  वर्मा, पूर्व विधायक भैय्या राम सिन्हा व बालोद पुलिस के साथ व लावलश्कर के साथ पहुंचे, जिसके बाद अतिक्रमण करने वाले जगहों को अतिक्रमण से आजाद करवाया। 

गांव के युवा सरपंच अरुण साहू ने बताया कि अतिक्रमणकारियों को तीन बार पंचायत से नोटिस जारी किया गया था, उनके द्वारा नोटिस का जवाब नहीं दिया गया। गांव में हो रहे अतिक्रमण को रोकने के लिए समस्त ग्रामवासियों के सहयोग से अतिक्रमण को तोड़ा गया, जिसमें सभी का भरपूर सहयोग रहा। 


इस संबंध में तहसीलदार रश्मि वर्मा ने कुछ भी बताने से इंकार कर दिया तो वहीं बालोद थाना प्रभारी का कहना है कि, गांव में शांति व्यवस्था बनाने व दंगा-फसाद ना हो इस कारण बालोद थाना के स्टाफ ग्राम जगनाथपुर  पहुंचे हुए थे। 


ग्रामीणों का कहना है कि
, पूर्व सरपंच सुंदर सिंह ठाकुर के द्वारा 11 साल पूर्व लगभग 40 हितग्राहियों को आबादी पट्टा ढाई डिसमिल और 5 डिसमिल वितरण किया गया है जिसके एवज में उन्होंने बकायदा ढाई डिसमिल का दो हजार और 5 डिसमिल का ₹4000 रसीद भी काटा गया है, जिसको गांव के कुछ लोगों ने आपसी द्वेष भावना रखते हुए उस जमीन पर स्टे लगा दिया था। जिनका मामला राजस्व विभाग बालोंद में चल रहा था। दिनांक 17,11,20 को 10 हितग्राहियों को केस से बहाल हुए उनके बाद इन्होंने अपने हक की जमीन पर ईट व टीन शेड डालकर निवासरत थे, जिसको आज सभी ग्रामवासियों के सहयोग से  प्रशासन व पंचायत प्रतिनिधियों द्वारा तोड़फोड़ की कार्रवाई की गई। आपको बता दे कि जिला के कई पंचायतों में पूर्व सरपंचों के द्वारा अपने निजी संबंधों व पैसे की लेन-देन कर अपात्र लोगो को आबादी देने की मामले जिला प्रशासन बालोद के समक्ष सालो से धुल खाती हुई पड़ी हुई है।  

जिला मुख्यालय से कुछ दुर बसे जगन्नाथपुर के कार्यवाही को देखने के बाद कई पंचायतों के ग्रामीणों को अब उनकी गांव के आबादी प्रकरणो की भी निराकरण की उम्मीद दिखने लगी है जिसमें से जिला के गुरूर विकासखंड क्षेत्र के चिटौद भी है, जहाँ के ग्रामीणों के समक्ष अपात्र लोगो को आबादी दिये जाने की शिकायत के बाद ग्रामीणों के द्वारा मामले की निपटारा हेतु बालोद एस डी एम को तीन लाख रुपए देने की बात ग्रामीण मिटींग में पूर्व पंचायत सदस्यो के द्वारा सार्वजनिक तौर पर कही गई है। 

आपको बताते चले की नेशनल हाईवे क्र.30 के किनारे में बसा यह गांव पिछले कई सालो से अतिक्रमण व अपात्र लोगो को आबादी बांटने के चलते विवादो के सांये में है पूर्व सरपंच रमेश प्रसाद जोगी के ऊपर ग्रामवासी लगातार आरोप लगा रहे हैकि  अपने पद का सरपंच कार्यकाल के दौरान रमेश प्रसाद जोगी ने गलत फायदा उठाया है, पैसा लेकर बैगर गांव में चर्चा किये हुए अपात्र लोगो को गांव की जमीन बांट दी जिसके चलते आज गांव के गरीब परिवार के लोगो के रहने व मकान बनाकर निवास करने की जगह तक नही बची हुई है,हांलाकि जिला प्रशासन ने अभी चिटौद के विवादित जगह पर निर्माण कार्य में रोक लगा रखी है।

विनोद नेताम 
सवाददाता